ओडिशा में तबाही मचाने के बाद आगे बढ़ा चक्रवात यास

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नई दिल्ली। अति गंभीर चक्रवात का रूप धारण कर चुके यास चक्रवात (Cyclone Yaas) ओडिशा के तट से टकरा गया है। जो 2-3 घंटों तक चलेगी। इसकी वजह से कई इलाकों में तेज हवाएं और भारी बारिश हो रही है। कई जगहों पर पेड़ों के उखड़ने की तस्वीर भी देखने को मिली है। यास की वजह से पश्चिम बंगाल में तट के कई किमी दूर तक दूकानों और घरों में पानी भर गया है। मौसम विभाग ने बंगाल व ओडिशा के लिए रेड अलर्ट (भारी बारिश की आशंका) जारी किया है। वहीं, चक्रवात से खतरे को देखते हुए बंगाल और ओडिशा में 12 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और अंडमान निकोबार द्वीप में भी बचाव के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

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Cyclone YAAS Live Updates

– पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 28 मई को पूर्वी मिदनापुर का दौरा करेंगी

– पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नबन्ना में चक्रवात यास के मद्देनजर जिलाधिकारियों, आपदा प्रबंधन समिति और अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

– ओडिशा में चक्रवात यास की वजह से भद्रक ज़िले के धामरा में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।

– पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर के दीघा में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। बारिश की वजह से दीघा में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। ओडिशा के पारादीप में चक्रवात ‘यास’ की वजह से मछली पकड़ने वाली नावों को नुकसान पहुंचा है। वहीं, झारखंड के रांची में भी तेज हवाएं चल रही हैं और मौसम में बदलाव आया है।

– मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात यास ने आज सुबह 10:30 बजे से 11:30 बजे के बीच बालासोर से लगभग 20 किमी दक्षिण में उत्तर ओडिशा तट को पार किया। इस दौरान हवा की गति 130-140 किमी प्रति घंटे से 155 किमी प्रति घंटे रही। इसके बाद यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया। इसके अगले 3 घंटों के दौरान धीरे-धीरे गंभीर चक्रवाती तूफान और बाद के 6 घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान में कमजोर होने की संभावना है।

– पूर्वी रेलवे के जीएम मनोज जोशी ने कहा, चक्रवात को देखते हुए हमने चौबीसों घंटे समर्पित नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। सभी ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। कोविड रोगियों के लिए ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडारण किया गया है। ओवरहेड वायरिंग फेल होने की स्थिति में हमने अपने डीजल इंजनों को भी तैनात किया है।

– आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि कल सुबह यास झारखंड पहुंचेगा तब इसके हवा की गति 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। ओडिशा के अंदर के जिलों में भी हवा की गति 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी। तूफान बालेश्वर के दक्षिण में ओडिशा तट को पार कर रहा है। अभी इसके हवा की गति 130-140 किलोमीटर प्रति घंटे है। लैंडफॉल प्रक्रिया अभी चल रही है जो 3 घंटे में पूरी होगी। इसके बाद ये कमजोर होकर उत्तर पश्चिम दिशा में गति करेगा।

– ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पीके जीना ने कहा कि लैंडफॉल की प्रक्रिया लगभग 9 बजे शुरू हुई और इसके 3-4 घंटे तक जारी रहेगी। उम्मीद है कि दोपहर करीब 1 बजे तक चक्रवात का पूरी तरह से पहुंच जाएगा। इस दौरान हवा की गति 120-140 किमी प्रति घंटा रहने का अनुमान है। वहीं, मयूरभंज जिले में हवा की गति 100-110 किमी प्रति घंटे के आसपास रहने का अनुमान है। उसके बाद, यह धीरे-धीरे धीमा हो जाएगा।

– भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक अति भीषण चक्रवाती तूफान यास ओडिशा के बालासोर से लगभग 50 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में केंद्रित है। लैंडफॉल प्रक्रिया सुबह 9 बजे के आसपास शुरू हो गई है।

– ओडिशा के भद्रक जिले के धामरा में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। वहीं, पारादीप में तेज हवाएं और बारिश की वजह से सड़कों पर पेड़ गिरे हुए दिखे।

– पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना में तेज हवाएं और बारिश हो रही है। वहीं, पूर्वी मिदनापुर के दीघा में भी तेज हवाओं के साथ समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं।

– चक्रवाती तूफान यास के लैंडफाल से पहले ओडिशा के पारादीप में तेज हवाएं चल रही हैं और भारी बारिश हो रही है। भद्रक जिले के भामरा में भी तेज हवाएं चल रही हैं और भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात यास आज दोपहर ओडिशा के तट से टकराएगा।

– ओडिशा के भद्रक जिले के धामरा में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार भीषण चक्रवाती तूफान यास आज दोपहर तक 130-140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओं के साथ लैंडफॉल होने की उम्मीद है।

एनडीआरएफ की 113 टीमें तैनात

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने पहली बार रिकार्ड संख्या में कुल 113 टीमें पांच राज्यों में तैनात की हैं। 52 टीमें ओडिशा और 45 टीमें बंगाल में तैनात की गई हैं। बाकी अन्य प्रभावित राज्यों में रहेंगी। इसके अलावा 50 टीमों को तैयार रखा गया है। एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा कि पिछले तूफानों से सबक लेते हुए इस बार हमने अधिकतम टीमें लगाई हैं। राहत कार्य के लिए नौसेना के चार पोत भी तैयार रखे गए हैं। तेज हवाओं की आशंका के कारण बंगाल में ट्रेन, विमान व जलपोत को जंजीरों से बांधा गया है। प्रभावित क्षेत्र से आने-जाने वाली ट्रेन रद कर दी गई हैं और आक्सीजन प्लांट की सुरक्षा पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।

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