नेपाल और चीन सीमा की सीमांत सडकों के निर्माण में आएगी तेजी!

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देहरादून। नेपाल और चीन की सीमा की कनेक्टिविटी और मजबूत की जाएगी। वर्षों से लंबित सड़कों के निर्माण में तेजी आई है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कार्यदायी संस्थाओं को टाइम फ्रेम तय करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव मंगलवार को सचिवालय में सीमांत सड़कों के निर्माण के प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि चीन की सीमा पर बनने वाली न्यू सोबला-तेदानग मार्ग निर्माण के लिए उपखनिज की अनुमति दे दी गई है। सोनम-पीडीए की अनुमति दे दी गई है। नीति गांव से नीति पास और सिमली-ग्वालदम मार्ग के लिए जल्द अनुमति मिल जाएगी। बताया गया कि नेपाल सीमा पर 12 किलोमीटर टनकपुर-जौलजीवी मार्ग का निर्माण हो गया है। 17.875 किलोमीटर का निर्माण कार्य चल रहा है। 46.850 किलोमीटर एक लेन सड़क निर्माण के लिए 202 करोड़ की ड्राफ्ट डीपीआर भारत सरकार के गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है। पिथौरागढ़ के धारचूला के समीप छारचुम नामक स्थान पर 110 मीटर के दो लेन सेतु के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। झूलाघाट में 500 मीटर पुल निर्माण के लिए डीपीआर कंसल्टेंसी हेतु निविदा जारी कर दी गई है।
टनकपुर बैराज से महेंद्र नगर (नेपाल) में संयोजन किए जाने के लिए 1.3 किलोमीटर 1.5 लेन सीसी मार्ग का निर्माण के लिए वन भूमि का हस्तांतरण हो गया है। 7 करोड़ रुपये की निविदा आमंत्रित किए हैं। चम्पावत के सिरसा नामक स्थान पर 2 लेन 400 मीटर सेतु बनाने के लिए कार्यवाही चल रही है। बताया गया कि महाकाली नदी संधि व्यवस्था के अनुसार दोनों देशों द्वारा संयुक्त निरीक्षण कर लिया गया है। विदेश मंत्रालय को जल्द रिपॉर्ट भेजी जाएगी। नेपाल सीमा पर महाकाली नदी में नेपाल द्वारा बनाये जा रहे 4 लेन सेतु को उत्तराखंड के राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के लिए 6.3 किलोमीटर मार्ग का निर्माण किया जाना है। इसकी कार्यवाही भी गतिमान है। बैठक में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव सिंचाई आनंद बर्धन, सचिव वन अरविंद सिंह ह्यांकी, प्रमुख अभियंता आरसी पुरोहित, अनुसचिव दिनेश पुनेठा आदि उपस्थित थे।