छात्रवृत्ति घोटाले में 4 निजी शिक्षण संस्थाओं के 5 पदाधिकारी गिरफ्तार

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रुड़की में एसआइटी ने छात्रवृत्ति घोटाले में चार निजी शिक्षण संस्थाओं के पांच पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है। पड़ताल में सामने आया है कि रुड़की स्थित इन संस्थानों ने पांच साल में करीब 31 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति ली और फर्जी छात्र दिखाकर इसमें से ज्यादातर राशि की बंदरबांट कर ली गई। आरोपित अपने बचाव में कोई ठोस सुबूत पेश नहीं कर पाए। कोर्ट में पेश करने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया। इस घोटाले में अभी तक समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक अनुराग शंखधर समेत 12 की गिरफ्तारी हो चुकी है। अभी कुछ और संस्थान रडार पर हैं।

एसआइटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि रुड़की के भगवानपुर स्थित मदरहुड इंस्टीटयूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, रुड़की इंस्टीटयूट आफ मैनेजमेंट साइंस और महावीर इंस्टीटयूट एंड टेक्नोलॉजी रुड़की को वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के बीच करीब 27 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी की गई थी। जांच में छात्रवृत्ति लेने वाले छात्र बड़ी संख्या में गैर हाजिर मिले। छात्रवृत्ति की रकम छात्रों के खातों के बजाय संस्थानों के खातों में ट्रांसफर होने की बात भी सामने आई।

तीनों संस्थानों की सचिव, चेयरपर्सन व कोषाध्यक्ष मनिका शर्मा पुत्री कुबेर दत्त शर्मा निवासी गोविंदपुरी कंकरखेड़ा, मेरठ को पूछताछ के बुलवाया गया था। वहीं, आइएमएस कॉलेज को लगभग चार करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के बीच आवंटित हुई। इस कॉलेज से छात्रवृत्ति लेने वाले तमाम छात्रों का पंजीकरण यूनिवर्सिटी के अभिलेखों में नहीं मिला। कॉलेज के अकाउंटेंट अंकुर राणा के खाते में रकम ट्रांसफर होने की बात भी सामने आई।

इसलिए कॉलेज के अकाउंटेंट अंकुर राणा पुत्र विजय सिंह निवासी पश्चिमी अंबर तालाब रुड़की, कोषाध्यक्ष शरद गुप्ता पुत्र मामचन्द गुप्ता निवासी जादूगर रोड सिविल लाइन रुड़की, सचिव मुजीब मलिक पुत्र बदीरुद्दीन मलिक निवासी सिविल लाइन रुड़की और योगेंद्र पाल ङ्क्षसह उर्फ मुंडन पुत्र स्व. वीर अभिमन्यु निवासी सिविल लाइन रुड़की हरिद्वार को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था। एसआइटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि इन सभी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

एसआइटी की जांच में सामने आएगी घोटाले की रकम

एसआइटी की जांच में सामने आया है कि भगवानपुर स्थित मदरहुड इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी को पांच सालों में लगभग 14.5 करोड़, रिम्स (रुड़की इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट साइंस) को 10.35 करोड़ और महावीर इंस्टीट्यूट एंड टेक्नोलॉजी रुड़की को लगभग 2.89 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति आवंटित की गई। वहीं आइएमएस कॉलेज को करीब 4.13 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति मिली। एसआइटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि इस रकम में कितनी रकम फर्जी छात्रों के नाम से हजम की गई है, इसकी पड़ताल अभी जारी है।

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