समाज के लिए नासूर बन रहा शिक्षा का व्यावसायीकरण

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हल्द्वानी में लक्ष्मी शिशु मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय अधिवेशन के दूसरे दिन प्रस्ताव सत्र में पहला प्रस्ताव स्टूडेंट्स फॉर डिवेलपमेंट के प्रांत प्रमुख राजेंद्र राठौर ने शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य पर रखा। वक्ताओं ने प्रदेश में सरकारी प्राथमिक शिक्षा के बदहाल स्तर के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि नौनिहालों के भविष्य को संवारने के लिए प्रदेश सरकार को अपनी नीतियों की समीक्षा करनी होगी।

माध्यमिक शिक्षा में स्थानांतरण नीति हावी होने से युवाओं के भविष्य पर ग्रहण लग रहा है। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी कड़ा तंज कसते हुए सफेदपोशी को आड़े हाथों लिया। प्राइवेट स्कूलों में फीस, ड्रेस, किताबें और विकास शुल्क के नाम पर अभिभावकों का आर्थिक दोहन किया जा रहा है।

गौहत्या रोकने के लिए बने कठोर कानून

दूसरा प्रस्ताव प्रदेश मंत्री सुधीर जोशी ने प्रदेश की वर्तमान स्थिति पर रखा। प्रदेश की वर्तमान स्थिति को लेकर दूसरे प्रस्ताव में इस बात पर चिंता जताई गई कि राज्य बने 17 साल बीतने के बाद भी उत्तराखंड अपने पांवों पर खड़ा होने योग्य नहीं बन पाया है। सरकार से अपील की कि पलायन रोकने के लिए ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा गौहत्या रोकने के लिए कठोर कानून की मांग की गई।

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