भाईयों में फूट डालने की हो रही कोशिश: तेजप्रताप

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बिहार के सबसे बड़े दल राजद का आंतरिक कलह उस समय उभरकर सामने आ गया जब राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े पुत्र व विधायक तेजप्रताप यादव ने अपनी ही पार्टी के नेताओं की भूमिका पर सवाल खड़ा कर दिया। ट्वीट कर कहा कि राजद और गठबंधन के सहयोगियों के सामने 2019 में नई सरकार बनाने की बड़ी जिम्मेवारी है, लेकिन हमें उन असामाजिक तत्वों से सावधान रहना है, जो इस एकता में सेंध लगाना चाहते हैं।

कहा कि मेरा सोचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं। अब कुछेक ‘चुगलों’ को कष्ट है कि कहीं मैं किंगमेकर न कहलाऊं। उन्होंने यह भी कहा कि जब यह सब मामला मैंने पत्नी को बताया तो वह भी अचंभित रह गई।

राजद में अपनी हैसियत पर जताई नाराजगी

शनिवार को मीडिया से बातचीत में तेजप्रताप ने आरोप लगाया कि असामाजिक तत्व पार्टी में मुझे तेजस्वी को लड़वाना चाहते हैं। राजद में अपनी हैसियत पर नाराजगी जताते हुए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि मेरी बात को पार्टी के नेता नहीं सुनते। हम राजद के किसी नेता को किसी काम के लिए फोन करते हैं तो रिस्पांस नहीं दिया जाता। कहा जाता है कि ऊपर से दबाव है हम कुछ नहीं कर सकते। राजेंद्र पासवान जैसे नेता का पार्टी में सम्मान दिलाने को उन्हें शीर्ष नेताओं से बात करनी पड़ी।

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