पुुरानी पेंशन बहाली आंदोलन समिति संविधान दिवस के दिन करेगी संसद का घेराव 

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पुरानी पेंशन बहाली को लेकर हुई बैठक में मंचसीन पदाधिकारी

अल्मोड़ा। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सभी सरकारी कर्मचारी लामबंद होकर आंदोलन की राह पर है। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन समिति की जिला ईकाई के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली की माँग को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बैठक की गई। बैठक में सांसद आवास घेराव, संसद घेराव सहित अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में आंदोलन समिति के जिलाध्यक्ष गणेश सिंह भंडारी ने कहा कि 2005 के बाद नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों की पेंशन बहाल की जानी चाहिए। उनकी पेंशन को बहाल न करना संविधान और समानता का अधिकार का उलंघन है। इसके लिए समानता के उलंघन के विरोध में 28 अक्टूबर को सांसदों के आवास का घेराव तथा 26 नवम्बर संविधान दिवस के दिन संसद भवन का घेराव किया जायेगा। साथ ही कहा कि कर्मचारियों की उपेक्षा करने वाले राजनैतिक दलों को आने वाले 2019 के चुनाव में सबक सिखाया जाएगा। कर्मचारियों हितों के साथ पुरानी पेंशन बहाल करने वाली पार्टी ही 2019 में देश पर राज कर पायेगी।

जिला मंत्री भूपाल सिंह चिलवाल ने कहा कि नई पेंशन योजना कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए किसी त्रासदी से कम नही है। उन्होंने सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों से इस आंदोलन से जुड़ने और आंदोलन के तहत 26 नवम्बर को संसद घेराव में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करने का आहवान किया। वहीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए आंदोलन के संयोजक डाॅ. मनोज कुमार जोशी ने कहा कि पुरानी पेंशन में कर्मचारी को सामाजिक सुरक्षा मिलती है। नई पेंशन प्रणाली से कर्मचारी को नुकसान ही होना है। बैठक में 25 अगस्त को चैैधानपाटा से कैंडिल मार्च निकालने का निर्णय लिया गया। वहीं जिले में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर चलाये जा रहे सदस्यता अभियान में तेजी लाने पर जोर दिया गया। बैठक में एजुकेशन मिनिस्ट्रिीयल आफिसर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष पुष्कर भैसोड़ा, प्रधानाध्यापक प्रकाश त्रिपाठी, बलबीर भाकुनी, मनोज बिष्ट, जगदीश भंडारी, दिनेश लाल, नितेश कांडपाल, गणेश भंडारी, धीरेंद्र कुमार पाठक, पूरन भोज, गजेन्द्र कुमार पाठक, डीके जोशी, मनोज कांडपाल, गौरव पांडे, ललित रावत, गोविंद अल्मिया, तारा बिष्ट, हीरा सिंह, जगदीश सिंह, हरिमोहन अवस्थी सहित अनेक कर्मचारियों एवं शिक्षकों ने संबोधित किया।

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