सीएम ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्यो की प्रगति की समीक्षा की
देहरादून। 125 किलोमीटर लम्बी 12 स्टेशन, 17 सुरंगांे व 35 ब्रिजस के साथ लगभग 16216 करोड़ रूपये की लागत की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन वर्ष 2024 तक शुरू हो जाएगी। वीरभद्र-ऋषिकेश रेल लाइन 2019-20, न्यू ऋषिकेश-देवप्रयाग रेल लाइन 2023-24 व देवप्रयाग-कर्णप्रयाग रेल लाइन 2024-25 तक आरम्भ हो जाएगी। परियोजना के तहत रेलवे द्वारा श्रीकोट में एक अस्पताल, एक पुल व स्टेडियम का निर्माण भी किया जाएगा।
मामलों का निपटान जल्द से जल्द पूरा करें
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्यो की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने जिलाधिकारी पौड़ी, चमोली, टिहरी व रूद्रप्रयाग को निर्देश दिए है कि रेलवे व कमीशनर गढ़वाल के साथ समन्वय बनाकर प्राथमिकता के आधार पर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से सम्बन्धित भूमि व मकान क्षतिपूर्ति व अन्य मामलों का निपटान जल्द से जल्द पूरा करें। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्यो की प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सम्बन्धित जिलाधिकारी आपसी अनुभव साझा करते हुए कार्यो में आने वाली बाधाओं को जल्द से जल्द समाप्त करें। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है।
ऋषिकेश में नए रेलवे स्टेशन का प्रस्ताव
बैठक के दौरान रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा जानकारी दी गई कि वीरभद्र-ऋषिकेश रेल लाइन निर्माण कार्य, रोड अण्डर ब्रिज, रोड ओवर ब्रिज, चन्द्रभागा जी के ऊपरी भाग में ब्रिज निर्माण, गुलर, कोडियाला, धारीदेवी, शिवपुरी तक अप्रोच रोड, व प्रवेश मार्ग का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है। राज्य सरकार द्वारा जियो टेक्नीकल इन्वेस्टिगेशन के लिए अनुमति दे दी गई है। जियो टेक्नीकल इन्वेस्टिगेशन का कार्य परियोजना की कुल 126 किलोमीटर के क्षेत्र मे चल रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के तहत ऋषिकेश में नए रेलवे स्टेशन का प्रस्ताव रखा गया है।
चारो जिलो में 167 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण अंतिम चरण में
गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा विशेष रेलवे प्रोजेक्ट के रूप में घोषित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की माॅनिटरिंग राष्ट्रीय महत्व की परियोजना के रूप में प्रगति पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। वर्तमान में रेलवे परियोजना हेतु आवश्यक समस्त वन भूमि तथा उत्तराखण्ड सरकार की भूमि हस्तांतरित हो चुकी है। चारो जिलो में 167 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण अंतिम चरण में है। 2018 में 900 करोड़, 2019-20 में 1050 करोड़ 2020 में 2200 करोड़ रूपये व्यय होंगे।
मुआवजा वितरण में तेजी लाई जाए
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिए है कि भूमि अधिग्रहण के लिए सम्बन्धित अधिकारी व परियोजना निर्माण में बिजली की समुचित आपूर्ति हेतु ऊर्जा विभाग तेजी से कार्य करें। सभी स्टेशन उत्तराखण्ड के पर्यटक स्थलों व पर्वतीय शैली के स्थापत्य को ध्यान में रखकर बनाए जाए। मुआवजा वितरण में तेजी लाई जाए।
आर.वी.एन.एल. द्वारा जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड के चारधाम यमुनोत्री, गंगोत्री, श्री केदारनाथ व श्री बद्रीनाथ को रेलवे सेवा से जोड़ने के लिए लगभग 327.11 किलोमीटर लम्बी रेल लाइन की सिफारिश की गई है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 43292 करोड़ रूपये हैं। चारधाम के लिए नई रेलवे कनेक्टीविटी हेतु फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए चालू वित्तीय वर्ष में रेलवे बोर्ड द्वारा लगभग 120.92 करोड़ रूपये का बजट अनुमोदित किया गया हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन, अरविन्द सिंह ह्यांकी, आयुक्त गढ़वाल शैलेश बगोली, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मंगेश घिल्ड़ियाल, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी पौड़ी, चमोली व टिहरी, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर हिमांशु बडोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।