देहरादून। संवाददाता। एनआइटी श्रीनगर का कैंपस नहीं बदला जाएगा। आइटीआइ और रेशम बोर्ड की भूमि पर अस्थाई रूप से एक नया कैंपस बनाया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा विशिष्ट बीटीसी अध्यापकों के बाद बचे हुए अध्यापकों को भी राहत देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शिक्षा के अधिकार के तहत राज्य को मिलने वाली राशि का बकाया हिस्सा जल्द ही केंद्र द्वारा दे दिया जाएगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भेंट की। इस मौके पर एनआइटी, श्रीनगर पर गठित हाईपावर कमेटी ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में एनआइटी, श्रीनगर पर गठित हाईपावर कमेटी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बात पर सहमति बनी है कि एनआईटी श्रीनगर का कैंपस नहीं बदला जाएगा। दूसरा अस्थाई रूप से एक नया कैंपस बनाया जाएगा। जिसे आइटीआइ और रेशम बोर्ड की भूमि पर चलाया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अवगत कराया कि राज्य के सभी विशिष्ट बीटीसी अध्यापकों को केंद्र सरकार ने विधेयक पास करा कर बड़ी राहत दे दी है और बचे हुए अध्यापकों को भी राहत देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही साथ शिक्षा के अधिकार के तहत राज्य को मिलने वालीराशि का बकाया हिस्सा भी जल्द केंद्र सरकार द्वारा देने के लिए सहमती बना ली गई है। इस दौरान उत्तराखंड के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत उपस्थित थे।