राज्य में अब सरकार जहरीली शराब के सेवन से 36 लोगों की मौत के बाद इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए सख्त कानूनी प्रावधान करने जा रही है। राज्य सरकार जहरीली शराब के धंधे में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई के लिए मौजूदा सत्र में विधेयक ला रही है। इसमें नकली व जानलेवा शराब बेचने के दोषियों के लिए उम्रकैद तक का प्रावधान करने की तैयारी है।
जहरीली शराब से मौत जैसे मामलों की जांच के लिए एक अलग आयोग का गठन भी किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने हालिया प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल, अजय रौतेला के नेतृत्व में छह सदस्यीय एसआइटी का गठन किया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जो घटना हरिद्वार जिले में हुई और जिसके कारण रुड़की तहसील व पड़ोसी राज्य में अनेक लोगों की मौत की हुई, उस पर सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को निलंबित किया गया है, साथ ही संयुक्त जांच दल भी बनाया गया है।
मामले की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया गया है ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब बेचने व बनाने वालों के लिए मौजूदा सत्र में ही विधेयक लाया जाएगा, जिसमें सख्त प्रावधान होंगे ताकि इस तरह की शराब बेचने वालों को कठोर दंड दिया जा सके।
जल्द ही ऐसे मामलों के लिए एक आयोग का भी गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। हरिद्वार व सहारनपुर के एसएसपी इस मामले का खुलासा कर चुके हैं कि शराब किसने, बनाई, कहां बनाई और किसके द्वारा बेची गई। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों तक पहुंचा जाए।
आइजी गढ़वाल के नेतृत्व में एक एसआइटी का किया गठन
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में दोपहर बाद जहरीली शराब प्रकरण में पुलिस मुख्यालय ने आइजी गढ़वाल अजय रौतेला के नेतृत्व में एक एसआइटी का गठन कर दिया। इसमें एसएसपी हरिद्वार जन्मजेय खंडूड़ी, एसपी ग्रामीण हरिद्वार नवनीत भुल्लर, सीओ हरिद्वार डीएस रावत के अलावा थाना प्रभारी भगवानपुर और थाना प्रभारी झबरेड़ा को भी शामिल किया गया है।