भगत सिंह कोश्यारी ने सूबे के पहाड़ी जिलों से हो रहे पलायन पर जताई पीड़ा

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शनिवार को उत्तराखंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के अभिनंदन के लिए समारोह आयोजित किया गया। समारोह में राज्यपाल कोश्यारी ने सूबे के पहाड़ी जिलों से हो रहे पलायन पर पीड़ा व्यक्त की। इस मौके पर सरकार की ओर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व कई विधायकों और भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष व नैनीताल के सांसद अजय भट्ट ने भगत सिंह कोश्यारी के महाराष्ट्र का राज्यपाल बनने पर अभिनंदन कर सम्मानित किया।

पहाड़ी क्षेत्र मसूरी और नैनीताल की तर्ज पर नहीं किया विकसित

राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि राज्य बने 19 साल होने को हैं, लेकिन न पहाड़ों से पलायन रुका और न स्थायी राजधानी गैरसैंण को लेकर कोई कार्य हुआ। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि दो-तीन निदेशालय गैरसैंण शिफ्ट करने से चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर अल्मोड़ा आदि जिले के लोगों को अपने कार्य के लिए देहरादून नहीं भागना पड़ेगा। कहा कि उत्तराखंड सरकार सबसे पहले पहाड़ों के भू-प्रबंधन का समाधान करे। भूमि प्रबंधन न होने से पहाड़ों में कोई बड़े उद्योग नहीं लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि राज्य बनने के बाद हमने कोई पहाड़ी क्षेत्र मसूरी और नैनीताल की तर्ज पर विकसित नहीं किया।

उन्होंने विधायकों को नसीहत दी कि वह मैदान से चुनाव लड़ने का मोह छोड़ें और पहाड़ों के अपने गृह क्षेत्र की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ें। उन्होंने मजाकिया लहेजे में मुख्यमंत्री की ओर भी इशारा किया। फिर हंसते हुए कहा कि मैं कई बार कड़े शब्दों का प्रयोग करता हूं। उन्होंने यह बात सर्वे चैक स्थित ओएनजीसी के सभागार में कही।
भगत सिंह कोश्यारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुझे याद है कि देश के पहले

प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दुनिया की तत्कालीन दो महाशक्ति सोवियत संघ और अमेरिका से अलग रहकर नन एलॉन्ग का नारा दिया, जबकि आज के प्रधानमंत्री ऑल एलॉन्ग के रास्ते पर चल रहे हैं। जिससे अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी मोदी का लोहा मनवाया। उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर चलने और राजनीति की गहरी सोच रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की प्रशंसा गृहमंत्री अमित शाह ने भी की।

अभिनंदन समारोह में करीब दो दर्जन सामाजिक संस्थाओं ने कोश्यारी का स्वागत एवं अभिनंदन कर उन्हें अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। इससे पहले भगत सिंह कोश्यारी ने बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन किए। इस दौरान केदारनाथ में उनसे पतंजलि आयुर्वेद के चेयरमैन आचार्य बालकृष्ण ने मुलाकात की।

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