देहरादून और हरिद्वार जनपद के समाज कल्याण विभाग में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच आइपीएस अधिकारी मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व वाली एसआइटी कर रही है। छात्रवृत्ति घोटाले में एक निजी आइटीआइ संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ एसआइटी ने पिरान कलियर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
छात्रवृत्ति घोटाले में अभी तक दर्ज हुए 41 मुकदमों में यह 34वीं गिरफ्तारी है। करीब दो माह पहले एसआइटी ने सुभारती प्राइवेट आइटीआइ बेडपुर पिरान कलियर के खिलाफ कलियर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी जांच उपनिरीक्षक गिरीश चंद्र को दी गई।
वर्ष 2013 से वर्ष 2017 के बीच सुभारती आइटीआइ को समाज कल्याण विभाग की तरफ से करीब 1.18 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी गई। जांच के दौरान छात्रों का भौतिक सत्यापन हुआ तो खेल पकड़ में आया। कई छात्रों का कहना था कि उन्होंने निशुल्क प्रवेश तो लिया था, लेकिन परीक्षा में नहीं बैठे थे। उनके नाम से बैंक खातों की भी कोई जानकारी नहीं है।
छात्रों के नाम से खुलवाए थे फर्जी खाते
समाज कल्याण विभाग की ओर से लगातार खातों में रकम भेजी गई। दस्तावेज खंगालने पर पता चला कि छात्रों के नाम से फर्जी खाते खुलवाए थे। पर्याप्त सुबूत हाथ लगने पर पुलिस टीम ने आइटीआइ के प्रबंधक व संचालक पुष्कर सिंह नाग्यान निवासी ज्ञानलोक कॉलोनी कनखल को गिरफ्तार कर लिया। एसआइटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि अभी जांच चल रही है। जल्द ही कुछ और लोगों की गिरफ्तारियां की जाएंगे।
छात्रवृत्ति घोटाले में ज्यादा रकम निजी कॉलेजों ने हजम की। लेकिन प्राइवेट आइटीआइ व कोचिंग सेंटर भी पीछे नहीं रहे। एसआइटी ने पहले बड़ी रकम डकारने वाले कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की। अभी तक 90 फीसद गिरफ्तारियां कॉलेज संचालकों की हुई हैं।
अब प्राइवेट आइटीआइ की बारी है। कुछ प्राइवेट आइटीआइ संचालक धंधा बदलकर खुद को बचाने की फिराक में हैं। लेकिन इन पर भी एसआइटी की पैनी नजर है। सूत्र बताते हैं कि जल्द ही कुछ और आइटीआइ संचालकों की गिरफ्तारी हो सकती हैं।