उत्तराखण्ड में शुक्रवार से सचिवालय और विधानसभा में कामकाज शुरू होगा। दोनों ही जगह अनुसचिव से ऊपर रैंक के सभी अधिकारी उपस्थिति दर्ज कराएंगे, जबकि इससे नीचे रैंक के कुल कार्मिकों का महज 33 फीसद हाजिर रहेंगे। गुरुवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में तय किया गया कि प्रदेश में तीन मई तक लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार की गाइडलाइन को सख्ती से अमल में लाया जाएगा। लॉकडाउन के दौरान विवाह को इस शर्त के साथ अनुमति मिलेगी कि इसमें सिर्फ पांच लोग शामिल होंगे। अंत्येष्टि में भी 20 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में उनके आवास पर मंत्रिपरिषद की बैठक गुरुवार शाम करीब ढाई घंटा चली। बैठक में शासन के आला अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक में केंद्र की गाइडलाइन को अमल में लाने की रणनीति बनाई गई। दरअसल, पहले राज्य सरकार को उम्मीद थी कि उसे कोरोना के खतरे की जद से बाहर नौ पर्वतीय जिलों को लेकर कुछ छूट केंद्र सरकार से मिल सकती है। केंद्र से ऐसी कोई रियायत राज्य को हासिल नहीं हुई। लिहाजा केंद्र की गाइडलाइन के दायरे में भी जरूरी बंदोबस्त करने के निर्देश पूरे सरकारी अमले को दिए गए हैं।
सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि 20 अप्रैल के बाद उद्योगों को कुछ सीमित तरीके से चलाया जाएगा, लेकिन उन्हें गाइडलाइन पर सख्ती से अमल करना होगा। कृषि, फार्मा उद्योगों को अनुमति दी जाएगी। सरकार ने तय किया है कि औद्योगिक क्षेत्रों में सभी उद्योगों को संचालन की अनुमति मिल सकेगी। इसके लिए उन्हें 20 अप्रैल से पहले ही ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन करने का विकल्प दिया गया है।
उद्योगों को चलाने की मिलेगी अनुमति
उद्योगों को चलाने की अनुमति जिलाधिकारी से मिलेगी। यह पाबंदी भी लगाई गई है कि उद्योगों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध श्रमिकों से काम चलाना होगा। प्रदेश अथवा जिले से बाहर से श्रमिकों को नहीं लाया जा सकेगा। सभी सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में शारीरिक दूरी के मानकों का पालन अनिवार्य किया गया है। सचिवालय और विधानसभा में शुक्रवार से कामकाज शुरू होगा, लेकिन इससे पहले पूरे परिसर और सभी कक्षों को सेनिटाइज किया जाएगा। कार्यस्थल पर टेंपरेचर स्क्रीनिंग और सेनिटाइजर की व्यवस्था आवश्यक होगी।