अक्षय तृतीया के दिन पौराणिक परंपरा अनुसार गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के साथ तय शुभ मुहूर्त पर 26 अप्रैल को विधिवत खुलेंगे। कपाट खोलने को मंदिर समिति के पदाधिकारियों एवं तीर्थ पुरोहितों सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अब सिर्फ तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
आज कपाट खुलने से पूर्व मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा से गंगोत्री धाम को प्रस्थान करेगी। जो रात्री विश्राम भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में करेगी। यहां से 26 अप्रैल की सुबह आठ बजे मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम पहुंचेगी। जहां विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दोपहर 12ः35 पर सादगी पूर्ण व सोशल डिस्टेंस के साथ गंगोत्री धाम के कपाट छह माह को खोल दिए जाएंगे।
दूसरी ओर 26 अप्रैल को सुबह 8ः05 पर शनिदेव की डोली की अगुवाई में पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ मां यमुना की डोली शीतकालीन प्रवास खरसाली से यमुनोत्री धाम को रवाना होगी। 11 बजे डोली यमुनोत्री धाम पहुंचेगी। जहां विधिवत कपाट खोले जाएंगे।
धाम खुलते समय सिर्फ 21 लोग
कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉक डाउन में गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के समय प्रशासन ने 21 लोगों को ही मंजूरी दी है। बेहद सीमित संख्या में लोग धाम खुलने के समय मौजूद रहेंगे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखना होगा।
मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि इस वर्ष आपदा प्रबंधन मंच से जुड़ी रेणुका समिति और केदान जन विकास समिति ने सजावट का काम किया है। दोनों धामों के मंदिरो को स्थानीय काश्तकारों के द्वारा तैयार किए गए ग्लेडियोलस से इस साज सज्जा के काम को किया जा रहा है।