उत्तराखंड में धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा कारोबार

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उत्तराखंड में लॉकडाउन में राहत के बाद कारोबार पटरी पर लौटने लगा है। धीरे-धीरे बाजार खुलने, औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू होने और ट्रांसपोर्ट सेवाओं के बहाल होने से कारोबारी गतिविधियों में इजाफा देखने को मिल रहा है। हालांकि कारोबार को पहले जैसी स्थिति में लाने में अभी काफी लंबा वक्त लगेगा। लेकिन लॉकडाउन की तुलना में हालात बेहतर नजर आ रहे हैं। लॉकडाउन में ढील के बाद से ट्रांसपोर्ट शुरू हो गया है। इससे औद्योगिक इकाइयों का उत्पादन एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने लगा है। राज्य कर विभाग के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में लॉकडाउन से ई वे बिल जनरेट होने का काम काफी कम हो गया था।

800 ट्रक प्रतिदिन पहुंच रहे हैं राज्य में

राज्य में सामान्य दिनों में विभिन्न राज्यों से तकरीबन पांच हजार ट्रक रोज माल लाते थे। लॉकडाउन में यह संख्या मामूली आंकड़े पर सिमट गई थी। अब लॉकडाउन में राहत मिलने से यह संख्या आठ सौ ट्रक प्रतिदिन तक पहुंच गई है। आने वाले दिनों में लॉकडाउन में छूट और औद्योगिक उत्पादन बढ़ने अनुमान है। ऐसे में इस महीने के अंत तक ट्रकों की आवाजाही की स्थिति में भी और सुधार आने की संभावना है।

लॉकडाउन में राहत के बाद से राज्य में शराब की बिक्री भी शुरू हो गई। एक आबकारी अधिकारी ने बताया कि वैसे तो मई में शराब की कुल बिक्री का पता माह के अंत में चलेगा पर अनुमान के अनुसार, अब तक करीब 25 करोड़ की शराब बिक चुकी है। इससे सरकार की राजस्व बढ़ने की उम्मीदों को बल मिला है।

कारोबारी गतिविधियों के साथ ही अब रजिस्ट्री की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। रजिस्ट्री शुरू होने के बाद से सरकार को अभी तक दो करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है। हालांकि गतवर्ष की तुलना में यह बहुत कम है लेकिन लॉकडाउन की अवधि से स्थिति में थोड़ा सुधार तो है ही। सरकार को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसमें तेजी आएगी और जिलों में रजिस्ट्री की संख्या बढ़ेगी।

राज्य में छोटे-बड़े करीब 80 हजार उद्योग हैं। लॉकडाउन में इनमें से अधिकांश बंद हो गए थे। अब 4800 उद्योगों में काम फिर शुरू हो चुका है। उद्योग विभाग के अफसरों ने बताया कि आने वाले दिनों में अन्य उद्योगों में भी उत्पादन शुरू होगा।उद्योग विभाग को सबसे ज्यादा उम्मीद ऑटोमोबाइल सेक्टर को लेकर है। अधिकारियों ने कहा कि वाहन कंपनियां जल्द अपना उत्पादन शुरू करेंगी जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।