उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से की गई घोषणाओं में कृषि, पशुपालन, मत्स्य, मधुमक्खी पालन के साथ ही हर्बल खेती के लिए किए गए प्रविधानों से उत्तराखंड को काफी फायदा होने जा रहा है। इससे विशेष तौर पर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिकी व स्थानीय आजीविका में परिवर्तन आएगा। कृषि के क्षेत्र में सुधार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करते हुए आत्मनिर्भर भारत में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय खेती का विकास राज्य सरकार की नीति का प्रमुख अंग रहा है। उत्तराखंड जड़ी-बूटी का प्रमुख केंद्र है। हर्बल खेती को चार हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की जा रही है। इसमें मुख्यतया गंगा के किनारे हर्बल कॉरिडोर विकसित करने की योजना है।
कृषिगत इन्फ्रास्ट्रक्चर को मिलेगी मजबूती
उन्होंने कहा कि घोषणाओं से राज्य में भी कृषिगत इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी। कोल्ड स्टोरेज, कृषि उत्पादों की मार्केटिंग से राज्य के उत्पादों की अच्छी कीमत मिलेगी। पशुपालन और मत्स्य पालन को भी बल मिलेगा। निश्चित तौर पर युवाओं के लिए कृषि व संबद्ध व्यवसायों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे कृषि, हर्बल खेती, पशुपालन, मत्स्य, फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में आगे आएं। सरकार उन्हें हर तरह का सहयोग देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र द्वारा देश में कृषिगत इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण योजना से पशुओं का सौ प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। 15 हजार करोड़ रुपये से पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर विकास कोष स्थापित किया जा रहा है। इससे डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। दूसरे राज्यों से गांव लौटे प्रवासियों के सामने खाद्यान्न की दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार उन्हें राशन किट मुहैया कराएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस संबंध में अधिकारियों को राशन किट वितरण की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।