सरकार द्वारा बनाई गई प्रक्रिया होना चाहिए पालनः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पतंजलि योगपीठ की दिव्य फार्मेसी की दवा ‘कोरोनिल’ पर उठे विवाद पर कहा कि जो भी काम हो वह विधिक होना चाहिए। इसकी एक प्रक्रिया होती है और इसका अनुसरण करना ही चाहिए। यदि ऐसी दवा बनी है तो अच्छी बात है। लेकिन इसमें प्रक्रियात्मक कमी है, वह पूरी होनी चाहिए थी। क्योंकि सरकार द्वारा जो प्रक्रिया बनाई गई है उसको फॉलो करना चाहिए था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में यदि ऐसी कोई औषधि बनी है तो यह अच्छी बात है। सीएम ने कहा कि मैने निम्स के निदेशक का बयान सुना। जिसमें उन्होंने कहा कि इस दवा के परिणाम बहुत अच्छे रहे हैं। इससे तीन दिन में 69 प्रतिशत और सप्ताहभर में शत-प्रतिशत मरीज ठीक हुए हैं।

बिना आइसीएमआर की प्रमाणिकता के ऐसा दावा कैसे कर सकती है फार्मेसी

पतंजलि ने मंगलवार को कोरोना की दवा इजाद करने का दावा करते हुए इसे लॉन्च किया था। मामला सुर्खियों में आया तो केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को नोटिस भेजकर तत्काल दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी थी। आयुष मंत्रालय का कहना था कि बिना आइसीएमआर की प्रमाणिकता के फार्मेसी ऐसा दावा कैसे कर सकती है।

केंद्र ने उत्तराखंड के आयुर्वेद विभाग को भी पत्र भेजकर मामले से जुड़ी सारी पत्रावलियां तलब की थीं। जिसके बाद आयुर्वेद विभाग के लाइसेंसिंग अधिकारी ने भी पतंजलि योगपीठ की दिव्य फार्मेसी को नोटिस किया है। बताया गया कि उनके स्तर पर कोरोनिल टेबलेट को इम्यूनिटी बूस्टर व श्वासारि वटी को सर्दी-खांसी व श्वसन संबंधी समस्या के लिए मंजूरी प्रदान की गई थी। दिव्य फार्मेसी ने अपने आवेदन में कोरोना का उल्लेख किया न कोरोना किट के निर्माण की कोई स्वीकृति ली। जबकि कोरोनिल टेबलेट के लेबल पर कोरोना वायरस का चित्र लगाया गया है।

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