मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना वॉरियर्स की मौत पर मुख्यमंत्री राहत कोष से दस लाख रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने आशा फेसिलिटेटर को दो-दो हजार रुपये सम्मान निधि के रूप में दिए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सचिवालय में कोरोना संक्रमण और बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की।
इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग और मास्क के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाय गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन हो। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कारवाई भी की जाए। मास्क का प्रयोग न करने वालों पर जुर्माना तो लगाया जाए, लेकिन जुर्माने के साथ ही उन्हें 4-4 वॉशेबल मास्क भी उपलब्ध कराए जाए।
सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का उपयोग न करने और नियमों का उल्लंघन करने पर पहली बार में 200 और दूसरी बार उल्लंघन करने पर 500 रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा। हाई रिस्क एरिया से या अन्य राज्यों से जो लोग आ रहे हैं, उनमें से अगर कोई व्यक्ति ट्रेवल हिस्ट्री की गलत जानकारी दे रहा है या कोई तथ्य छुपा रहा है तो उन पर सख्त कारवाई की जाए।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने घोषणा की कि आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की तरह ही आशा फेसिलिटेटर को भी दो-दो हजार रुपये सम्मान निधि के रूप में दी जाएगी। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री ने रक्षा बंधन के अवसर पर एक-एक हजार और उससे पहले भी सम्मान राशि के रूप में एक-एक हजार रुपये देने की घोषणा की थी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सम्मान राशि लाभार्थियों के खाते में जल्द डाली जाए।
उत्तराखंड में होम-आइसोलेशन के लिए निर्देश पुस्तिका का भी किया विमोचन
कोविड-वॉरियर्स की मृत्यु पर भी मुख्यमंत्री राहत कोष से दस लाख रुपये देने की घोषणा की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में होम-आइसोलेशन के लिए निर्देश पुस्तिका का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर की टीम की जांच और मानकों के हिसाब से ही होम-आइसोलेशन की व्यवस्था की जाए। होम-आइसोलेशन के बजाय अस्पताल और कोविड केयर सेंटर को प्राथमिकता दी जाए।