कृषि विधेयक बिल को लेकर पीएम मोदी को किसानों की भावनाओं का करना चाहिए सम्मान

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सोमवार को एक पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कृषि विधेयक बिल को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को किसानों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और किसान, समाज व खेती के उत्थान के लिए किसान विरोधी बिल को रद कर देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के सामने विधेयक में संशोधन करने और डेढ़ साल तक बिल को टालने का प्रस्ताव रखकर मान लिया है कि विधेयक में किसान विरोधी खामियां है। ऐसे में आंदोलित किसानों की आवाज को दबाने की बजाय केंद्र्र सरकार को वार्ताओं का दौर छोड़कर सीधे तौर पर तीनों कानूनों को समाप्त करना ही किसान व समाज हित में होगा।

पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि भाजपा हमेशा कोई भी चुनाव मोदी बनाम सरकार के नाम पर लड़ती है। ऐसे में भाजपा की इस रणनीति को ध्वस्त करने के लिए कांग्रेस को भी आगामी विधानसभा चुनाव होने से पहले स्थानीय स्तर का चेहरा उतार देना चाहिए। ताकि भाजपा को मजबूर कर दिया जाये कि वह भी अपना चेहरा घोषित कर सके।

उन्होंने अपनी मन की बात कहते हुए कहा कि कृषि विधेयक बिल पारित होने से सरकारी खरीद, मंडी व्यवस्था प्रणाली व न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा और सस्ता गल्ला प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी। जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ सकता है।

भाजपा हमेशा मोदी बनाम चुनाव की बनाती है रणनीति

पूर्व सीएम रावत ने कहा कि देश में होने वाले कोई भी चुनाव हो। इसके लिए भाजपा हमेशा मोदी बनाम चुनाव की रणनीति बनाती है। उसी रणनीति को समाप्त करने के लिए कांग्रेस को भी यही रणनीति बनानी चाहिए। कहा कि पार्टी हाईकमान जिसे भी स्थानीय चेहरा घोषित करती है। वह स्वयं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ उसके पीछे खड़े रहेंगे।

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