भ्रष्टाचार पर लगाम कसना सर्वोच्च प्राथमिकताः मुख्यमंत्री

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सत्ता में आने के 100 दिन में लोकायुक्त बनाने का भाजपा का वादा अब पूरा होने की उम्मीद नजर आ रही है। सीएम तीरथ सिंह रावत ने सोमवार को कहा कि भ्रष्टाचार पर लगाम कसना सर्वोच्च प्राथमिकता है। चाहे वो ब्यूरोक्रेट हो या फिर कोई और। सबके लिए एक नियम लागू होगा। इसीलिए लोकायुक्त की बात करते हैं। निश्चय ही इस पर विचार किया जाएगा। अभी तो मैं आया हूं, निश्चित लोकायुक्त के गठन पर भी विचार किया जाएगा।

सेफ हाउस में मीडिया के साथ सीएम ने खुलकर की मन की बातें साझा की। मालूम हो कि लोकायुक्त को लेकर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का स्टैंड बिलकुल अलग रहा है। वो लोकायुक्त के बजाए जांच एजेंसी को ज्यादा मजबूत करने की पैरवी करते आ रहे थे। हालांकि यह बात दीगर है कि वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा ने वादा किया था कि सत्ता में आने के 100 दिन में वो लोकायुक्त का गठन कर देगी।

गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने की घोषणा के विरोध पर सीएम ने अपनी साफ राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि आम आदमी को काम एसडीएम, तहसीलदार आदि छोटे स्तर पर पड़ता है। छोटी ईकाई ही बेहतर होती है। कमिश्नरी की घोषणा पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही सरकार उचित निर्णय लेगी। हालिया में दिनों में अपने विवादित बयानों पर सीएम ने कहा कि कभी कभी ऐसा हो जाता है।

जींस के विवाद पर सीएम ने कहा कि मैने कुछ गलत नहीं कहा। यह हमारी संस्कृति नहीं है। अब कोई फटे कपड़ों को ही अच्छा मान रहा है तो ठीक है। जो जो चाहता है वो करने को स्वतंत्र है। हमारा प्रदेश तीलू रौतेली का प्रदेश है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने भी हाथ में खड़ग लेकर साड़ी पहनकर ही युद्ध किया था। यह हमारी संस्कृति है।

कोई धर्म के नाम पर वातावरण बिगाड़ने की कोशिश करेगा तो बख्शा नहीं जाएगा

गैर हिंदुओं के मंदिरों में प्रवेश पर प्रतिबंध के बैनर लगाने वाले पर पुलिस कार्रवाई कर दी है। लेकिन सीएम सख्त लहजे में कहा कि देवभूमि में यदि कोई धर्म के नाम पर वातावरण बिगाड़ने की कोशिश करेगा तो बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने हिंदूवाहिनी के विचारों का भी समर्थन किया। कहा कि युवावाहिनी की भी अपनी विचारधारा है। उसे अपनी संस्कृति का बचाने के लिए ऐसा करना पड़ा तो क्या गलत है?

सीएम ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए दिल्ली में चंदा मांगने वाले युवक के साथ क्या हुआ? हमारे प्रदेश के एक युवक की दिल्ली में कितनी क्रूरता से हत्या की गई। किन लोगों ने ऐसा किया? यदि ऐसे लोग उत्तराखंड में आते हैं और वातावरण खराब करते हैं तो बख्शे न जाएंगे। जेल के सीखचों के पीछे होंगे या फिर कुछ और ही इंतजाम किया जाएगा।

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