पर्यटन मंत्री ने दिए देव डोलियों के कुम्भ स्नान की सभी तैयारियाॅ व्यवस्थित रूप से करने के निर्देश

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प्रदेश के पर्यटन, सस्कृति, धर्मस्व, सिंचाई, लधु सिंचाई एवं जलागम प्रबन्धन, मंत्री सतपाल महाराज द्वारा विधान सभा स्थित कक्ष में संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग, कुम्भ मेला, पुलिस विभाग एवं अन्य सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तराखण्ड की देवसंस्कृति को वैश्विक तथा भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए देव डोलियों के कुम्भ स्नान की सभी तैयारियाॅ व्यवस्थित रूप से करने के निर्देश दिए।

सतपाल महाराज ने देव डोलियों की कुम्भ स्नान की विरासतीय शोभा यात्रा को ऋषिकेश से लेकर हरिद्वार तक सभी जगह देव डोलियों के आवागमन से लेकर देव डोलियों के दर्शन के लिए आने वाले भक्तगणों के आवागमन, मंच-पंडाल जलपान, सुरक्षा, यातायात व भीड़ प्रबन्धन की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के साथ-साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के भी निर्देश अधिकारियों को दिये। महाराज ने अधिकारियों को शोभा यात्रा का रूट चार्ट बनाते हुए आपसी समन्वय से कार्यक्रम को भव्य स्वरूप प्रदान करते हुए देव डोलियों के गारिमा के अनुकूल सभी तरह की व्यवस्थाएं करने के भी निर्देश दिये। उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को ऋषिकेश एवं हरिद्वार में शोभायात्रा के दौरान देव डोलियों तथा भक्तगणों पर हेलिकाप्टर से पुष्प वर्षा करने के लिए भी निर्देश दिये।

उत्तराखण्ड की भूमि देवी देवताओं की भूमि

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की भूमि देवी देवताओं की भूमि है। जिसका कण-कण अपने आप में देवतुल्य है तथा लगभग सभी प्रदेश में कोई न कोई ऐसी बात परम्परा से प्रचलित है जिनका सम्बन्ध किसी न किसी देवी-देवता से है। प्राचीन समय से ही पराम्परा के अनुसार देवी देवताओं की देव डोलियाॅं कुम्भ के दौरान हरिद्वार में स्नान करने आती हैं। जिस दौरान बडी संख्या में भक्तगण उनके दर्शन करते हैं।

इसी पराम्परा के अनुसार हरिद्वार कुम्भ महापर्व 2021 में भी देव डोलियाॅ हरिद्वार में कुम्भ स्नान में आयेंगी। इस लोक संस्कृति विरासतीय शोभा यात्रा की शुरूआत 24 अप्रैल को त्रिवेणी घाट ऋषिकेश से होगी। जहाॅ पर प्रदेश भर से ढोल-नगाडों व स्थानीय देवी देवताओं के चिन्ह के साथ लगभग 200 देव डोलियाॅ एकत्रित होने की संभावना है।

इसके अगले दिन 25 अप्रैल 2021 को शोभा यात्रा का कुम्भ नगरी हरिद्वार में आगमन होगा तथा सामुहिक अमृतमय स्नान ब्रहमकुण्ड हरकी पैड़ी में सम्पन्न होगा। तत्पश्चात पंतदीप में भव्य पंडाल में पूज्य संतो, श्रद्धालुओं व शासन-प्रशासन के लोगों द्वारा पूजा-अर्चना के पश्चात देव आशीर्वाद कार्यक्रम सम्पन्न होगा।

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