नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में वह भाजपा में शामिल हुए। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले हलचल शुरू हो गई है। बता दें कि भाजपा के सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी ने बुधवार सुबह एक ट्वीट कर जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने की ओर इशारा कर दिया था। कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरों में से एक जितिन प्रसाद पिछले कई दिनों से पार्टी हाईकमान से नाराज थे। वह यूपी कांग्रेस के कुछ नेताओं से अपनी नाराजगी जाहिर भी कर चुके थे, लेकिन फायदा नहीं हुआ। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की टीम से जितिन प्रसाद के रूप में एक और बेहद अहम विकेट गिरा है।
भाजपा में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा
मेरा कांग्रेस पार्टी से 3 पीढ़ियों का साथ रहा है। मैंने ये महत्वपूर्ण निर्णय बहुत सोच, विचार और मंथन के बाद लिया है। आज सवाल ये नहीं है कि मैं किस पार्टी को छोड़कर आ रहा हूं, बल्कि सवाल ये है कि मैं किस पार्टी में जा रहा हूं और क्यों जा रहा हूं। पिछले 8-10 वर्षों में मैंने महसूस किया है कि अगर कोई एक पार्टी है जो वास्तव में राष्ट्रीय है, तो वह भाजपा है। अन्य दल क्षेत्रीय हैं, लेकिन यह राष्ट्रीय दल है, आज देश जिस स्थिति से गुजर रहा है, अगर कोई राजनीतिक दल या नेता देश के हित के लिए खड़ा है, तो वह भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।’
बता दें कि कुंवर जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश के शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के वो युवा चेहरे हैं, जिन्होंने दो बार लोकसभा चुनाव जीत कर मनमोहन सिंह की कैबिनेट में मानव संसाधन विकास मंत्रालय और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय में राज्यमंत्री का दायित्व संभाला। ऐसे में जितिन प्रसाद के भाजपा में जाने पर कांग्रेस को बड़ा झटका लगना तय माना जा रहा है।
ये है कांग्रेस छोड़ने की वजह
जितिन प्रसाद कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शामिल हैं। एक समय पर वह कांग्रेस की टीम का अहम हिस्सा हुआ करते थे। लेकिन बताया जा रहा है कि कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरों में से एक जितिन प्रसाद पिछले कई दिनों से पार्टी हाईकमान से नाराज थे। वह यूपी कांग्रेस के कुछ नेताओं से अपनी नाराजगी जाहिर भी कर चुके थे। हालांकि, इसके बावजूद जितिन प्रसाद की शिकायत को पार्टी हाईकमान ने नजरअंदाज किया। यही वजह है कि उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश कांग्रेस में जब से प्रियंका गांधी की एंट्री हुई है, तब से जितिन प्रसाद की अहमियत पार्टी की नजरों कम होती नजर आने लगी। प्रियंका के आने के बाद यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार उर्फ लल्लू बनाए गए। कई अहम समितियों में भी जितिन प्रसाद का नाम नदारद रहा। इसके बाद जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल का चुनाव प्रभारी बना दिया था। जितिन प्रसाद के लिए ये संकेत काफी था। उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति से दूर करने का प्रयास किया जा रहा था।