बिजली चोरी रोकने के लिए लगातार हों कोशिशेंः मुख्य सचिव एसएस संधू

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उत्तराखंड के मुख्य सचिव डा एसएस संधू ने सोमवार को सचिवालय में ऊर्जा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्र में रहने वालों को भी बेहतर विद्युत व्यवस्था मिलनी चाहिए। इसके लिए विभाग को निरंतर प्रयासरत रहने की जरूरत है। इस मौके पर ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बताया कि ऊर्जा के निगमों व अभिकरणों में कार्मिकों एवं अधिकारियों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए प्रमुख निष्पादन सूचकांक (केपीआइ) के आधार पर मूल्यांकन व्यवस्था की गई है। राज्य में बिजली चोरी रोकने और लाइन लास कम करने को लगातार प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाइड्रो प्रोजेक्ट की व्यवहारिकता पर अध्ययन कराने की आवश्यकता है।

नए 40 सीटर काल सेंटर 24 गुणा सात कंज्यूमर फीडबैक के लिए कर रहे कार्य

उन्होंने बताया कि निगम ने बीते चार वर्षों में राजस्व वृद्धि को विभिन्न उपाय किए हैं। विद्युत चोरी हतोत्साहित करने को ऊर्जागिरी अभियान चलाया जा रहा है। बिलिंग दक्षता में चार फीसद वृद्धि हुई है। वर्ष 2020-21 में लाइन लास में कमी आई। ट्रांसमिशन लास 2017-18 में 1.39 फीसद था, जो वर्ष 2020-21 में 1.11 फीसद है। सौभाग्य योजना के तहत 1,64,390 हाउसहोल्ड विद्युतीकृत किए गए हैं। इनमें 5271 सौर ऊर्जा के माध्यम से हैं। नए 40 सीटर काल सेंटर 24 गुणा सात कंज्यूमर फीडबैक के लिए कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि 129.50 मेगावाट की विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण, विद्युत लाइन भूमिगत करने का कार्य और सब स्टेशनों के निर्माण के साथ स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में ऊर्जा निगम व पिटकुल के प्रबंध निदेशक डा नीरज खैरवाल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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