जंतर मंतर पर किसानों का पहले ही दिन प्रदर्शन रहा बेअसर

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दिल्ली सरकार और पुलिस से अनुमति मिलने के बावजूद जंतर मंतर पर किसानों का पहले ही दिन प्रदर्शन बेअसर नजर आ रहा है। सुबह 11 बजे से 200 किसानों का प्रदर्शन शुरू होना था, लेकिन 12 बजे के बाद शुरू हो पाया, क्योंकि प्रदर्शनकारी समय पर जंतर मंतर नहीं पहुंचे। गौरतलब है कि बृहस्पतिवार सुबह राकेश टिकैत समेत 200 किसान सिंघु बॉर्डर से ही देरी से निकले तो रास्ते में उनकी बस खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें दूसरी बस से रवाना किया गया।

इसके चलते बसों के जरिये 200 किसान 12 बजे के आसपास दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचे। 200 किसानों में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ भाकियू नेता राकेश टिकैत भी शामिल हैं। कुल मिलाकर 4 बसों के जरिये 200 किसान धरना प्रदर्शन के लिए जंतर मंतर पहुंचे हैं, शाम बजे सभी किसानों को वापस सिंघु बॉर्डर छोड़ना होगा। ये सभी किसान बसों के जरिये वापस भेजे जाएंगे।

किसान संसद से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव पारित किया जाएगा

राकेश टिकैत ने जंतर मंतर पर जारी किसान संसद के दौरान अपने संबोधन में कहा कि 8 माह बाद सरकार ने माना है कि जो बॉर्डर पर बैठे हैं वह किसान हैं। साथ ही कहा कि संसद में जो बैठे हैं जो सत्ता का है या विपक्ष का है अगर वह किसानों की आवाज नहीं उठाएगा हम उसके क्षेत्र में लोगों को बताएंगे। किसान संसद से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरू होने के साथ ही बवाल होने की शुरुआत हो गई है। बृहस्पतिवार दोपहर एक किसान प्रदर्शनकारी ने एक महिला मीडिया कर्मचारी से अभद्रता की है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने मामले को संभालते हुए महिला मीडिया कर्मी को बाहर ले आई। गौरतलब है कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर कुछ देर बाद 200 किसानों का धरना प्रदर्शन शुरू होगा।

दिल्ली-एनसीआर के बॉर्डर (सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और गाजीपुर) पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। बृहस्पतिवार से आगामी 9 अगस्त तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दिल्ली पुलिस की ओर से मिल गई है। 200 किसानों का प्रदर्शन सुबह 11 बजे से शुरू होगा।

26 जनवरी को लाल किला हिंसा जैसी स्थितियों से निपटने की व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जंतर मंतर से संसद महज 150 मीटर की दूरी पर है। हम वहां अपना संसद सत्र आयोजित करेंगे। हमें गुंडागर्दी से क्या लेना-देना? क्या हम बदमाश हैं? बताया जा रहा है कि उपराज्यपाल अनिल बैजल के निर्देश पर दिल्ली पुलिस और किसान प्रदर्शनकारियों के बीच सहमति बनी। दिल्ली पुलिस की ओर से अनुमति के तौर पर 200 प्रदर्शनकारी 9 अगस्त तक रोजाना जंतर-मंतर पर सुबह 11 से शाम 5 बजे तक प्रदर्शन कर सकेंगे।

बताया जा रहा है कि जंतर मंतर जाने वाले 200 किसानों की बसों को सिंघु बॉर्डर पर रोका जाएगा। यहां बसों में बैठे प्रदर्शनकारियों व उनके आधार कार्डों की जांच की जाएगी। पुलिस यह भी देखेगी कि 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारी बसों में तो नहीं बैठे हैं। इसको लेकर भारी संख्या में पुलिस व सुरक्षा बलों के जवान तैनात किए गए हैं।

बताया गया है कि दिल्ली पुलिस की निगरानी में बस के जरिये प्रदर्शनकारी जंतर मंतर पर प्रदर्शन के लिए पहुंचेंगे।दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर से रोजाना बसों के जरिये दिल्ली आएंगे। इसके अलावाक, एक एसयूवी में 6 किसान नेता अलग से पहुंच सकेंगे। तय अवधि के बाद सभी प्रदर्शनकारियों को दिल्ली की सीमा पर भेज दिया जाएगा। वहीं, जरूरत पड़ने पर आसपास के 7 मेट्रो स्टेशनों को भी बंद किया जा सकता है।

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