रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा विवाद अब चरम पर आ गया है। सोमवार को पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में रूस समर्थित विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों को मान्यता दे दी है। जिसके बाद दोनों देशों के बीच हालात बिगड़ते जा रहे हैं। यूक्रेन और रूस के बीच तनाव कम करने को लेकर संयुक्त राष्ट्र परिषद की बैठक हुई।
यूरोपीय संघ के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने यूक्रेन संकट पर बयान दिया। उन्होंने कहा, यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों की मान्यता और यूक्रेन क्षेत्र पर सैनिकों की और तैनाती पर रूस के खिलाफ आज प्रतिबंधों को लगाएगा।
शांति चाहता है भारत- रक्षा मंत्री
यूक्रेन के हालात पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया आई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारत यूक्रेन के मामले पर यही चाहता है कि बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाए। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा है कि वे रूस के राष्ट्रपति के साथ बात करेंगे। अगर इन दोनों की बातचीत होगी तो निश्चित तौर पर समाधान निकलेगा। जहां तक भारत की बात है भारत शांति चाहता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत यूक्रेन के मामले पर यही चाहता है कि बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाए। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा है कि वे रूस के राष्ट्रपति के साथ बात करेंगे। अगर इन दोनों की बातचीत होगी तो निश्चित तौर पर समाधान निकलेगा। जहां तक भारत की बात है भारत शांति चाहता है।
यूक्रेन के हालात के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार ने यूक्रेन में फंसे राज्य के लोगों और छात्रों की मदद के लिए गणेश मिश्रा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। वह यूक्रेन की सरकार के लगातार संपर्क में है। सरकार ने हेल्पलाइन नं 01146156000, फैक्स-01146156030, मोबइल नं 9997060999 शुरू किया है।
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कीव और दिल्ली के बीच चार नई उड़ानों का ऐलान किया है। भारतीय दूतावास के मुताबिक यूक्रेन में जारी उच्च स्तर के तनाव को देखते हुए अतिरिक्त उड़ानों का आयोजन किया जा रहा है। कीव से दिल्ली के लिए चार उड़ानें 25 फरवरी, 27 फरवरी और 6 मार्च, 2022 को संचालित होंगी।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने रूस के फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों को स्वतंत्र के रूप में मान्यता देने का रूस का निर्णय यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन है, और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है।
प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक द्वारा जारी एक बयान में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने आश्वासन दिया कि प्रासंगिक महासभा प्रस्तावों के अनुरूप, संयुक्त राष्ट्र अपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का पूर्ण समर्थन करता है। बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य की आधिकारिक यात्रा करने की योजना बना रहे थे, लेकिन यूक्रेन को लेकर बिगड़ते हालात को देखते हुए उन्होंने यात्रा रद्द कर दी है।
यूक्रेन से भारत वापस लौटी छात्रा ने दूतावास का जताया आभार
यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय छात्रों का देश वापस आना शुरू हो गया है। यूक्रेन से वापस आई आस्था सिंधा ने एएनआइ से बातचीत के दौरान वहां के हालात के बारे में बताया। उन्होंने कहा, मैं घर वापस आकर खुश हूं क्योंकि मेरे माता-पिता तनाव में थे। मैं यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से में रहकर पढ़ाई करती थी, जिसे सुरक्षित माना जाता है। उन्होंने कहा, भारतीय दूतावास छात्रों की सहायता करने में बहुत तत्पर है, चाहे वह ई-मेल या काल के माध्यम से हो। उन्होंने हमें अस्थायी रूप से देश छोड़ने के लिए तीन बार एडवाइजरी जारी की थी।
यूएनएससी की बैठक में भारत का बयान
यूक्रेन पर यूएनएससी की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है। नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है। 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं। भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है। रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है।
दरअसल, यूक्रेन पर बड़ा कदम उठाते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के विद्रोही इलाकों डोनेत्सक और लुहांस्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी है, और सुरक्षा समझौते का भी एलान कर दिया है। पुतिन ने यूक्रेन की सेना को दोनों इलाकों पर गोलाबारी रोकने का निर्देश दिया और कहा कि समझौते के तहत अब इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी रूस की है।