यात्री क्षमता और वीआईपी दर्शन खत्म करने से बना असमंजस

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कोविड महामारी के कारण दो साल बाद संचालित हुई चारधाम यात्रा में इस बार दर्शन करने के लिए यात्रियों की क्षमता और वीआईपी दर्शन व्यवस्था खत्म करने से असमंजस की स्थिति पैदा हुई है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में क्षमता के दो से तीन गुना तक यात्रियों के पहुंचने से इंतजामों की पोल खुली है।

दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइनें

निर्धारित क्षमता के अनुसार यात्रियों को धामों में भेजने की व्यवस्था करने के बाद दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइनें लग रही हैं। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए शासन ने केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन करने के लिए प्रतिदिन तीर्थयात्रियों की संख्या तय की थी।

इसके बाद मुख्यमंत्री का बयान आया कि चारधाम में यात्रियों की कोई संख्या तय नहीं की गई है। हालांकि सरकार के स्तर पर प्रतिदिन के हिसाब से धामों पर तीर्थयात्रियों की संख्या का पहले से ही निर्धारण कर दिया गया था। सीएम के बयान के बाद भी आदेश में कोई संशोधन नहीं हुआ। कुछ समय के लिए तीर्थयात्रियों में असमंजस रहा कि वे पूर्व निर्धारित यात्रा पर निकलें या नहीं।

इस बीच मुख्यमंत्री ने यात्रियों की दिक्कतों को देखते हुए चारों धामों में तय की गई यात्रियों की संख्या को एक-एक हजार बढ़ाने के निर्देश दिए। जिसमें केदारनाथ धाम में 13 हजार, बदरीनाथ धाम में 16 हजार, गंगोत्री में आठ हजार व यमुनोत्री धाम में पांच हजार संख्या निर्धारित की गई है।

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