चारधाम यात्रा पर आपदा का कहर, केदारनाथ जा रहे आठ हजार से अधिक तीर्थयात्रियों को रोका

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सोमवार को बारिश के कारण हाईवे पर यात्रियों को रोकने के बाद आज मंगलवार को गौरीकुंड पैदल मार्ग टूट गया था, जिस कारण विभिन्न पड़ावों पर केदारनाथ जा रहे आठ हजार से अधिक तीर्थयात्रियों को रोक दिया गया। हालांकि बाद में मार्ग सुचारू कर यात्रियों को आगे भेजा गया।

सुबह छह बजे पहाड़ी टूटने से पैदल मार्ग हुआ था क्षतिग्रस्त

जानकारी के मुताबिक घोड़ा पड़ाव गौरीकुंड में अचानक मंगलवार सुबह छह बजे पहाड़ी टूटने से पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। जिस कारण प्रशासन ने सोनप्रयाग और गौरीकुंड में लगभग 8000 यात्रियों को रोक दिया गया था। कड़ी मशक्कत के बाद करीब दो घंटे बाद पैदल मार्ग को आवाजाही के लिए सुचारू किया गया और यात्रियों को आगे भेजा गया। वहीं कर्णप्रयाग में पंचपुलिया के पास गलनाउ में बोल्डर आने से सड़क मार्ग बाधित हो गया था, जिसे एक घंटे बाद दोपहर 12 आवाजाही के लिए खोल दिया गया।

घोड़ा खच्चर की प्रीपेड टोकन व्यवस्था आज से लागू

यमुनोत्री धाम में जिला पंचायत और जिला प्रशासन की ओर से घोड़ा खच्चर की प्रीपेड टोकन व्यवस्था आज से लागू की गई है। डंडी और कंडी की प्रीपेड टोकन व्यवस्था 15 मई से लागू हो गई थी।

लामबगड़ में एहतियातन तीन घंटे तक रोके रखे तीर्थयात्री

इससे पहले सोमवार की शाम को पहाड़ी से पत्थर गिरने व बारिश के कारण अलकनंदा का जल स्तर बढ़ गया था, जिस वजह से बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों को लामबगड़ में एहतियातन तीन घंटे तक रोके रखा गया। देर रात पुलिस की देखरेख में इन यात्रियों को निकटवर्ती पड़ाव तक सुरक्षित भिजवाया गया।

सोमवार की शाम से चमोली जिले में हुई भारी बारिश की वजह से बदरीनाथ हाईवे में लामबगड़ के पास खचरा नाला ऊफान पर आ गया था। बारिश के कारण पहाड़ी से भी पत्थर गिरने लगे। इस पर करीब रात आठ से 11 बजे तक यात्रियों को सुरक्षा के मद्देनजर विभिन्न स्थानों पर रोक दिया गया था। बारिश के चलते अलकनंदा नदी का भी जल स्तर बढ़ गया था।

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