औद्योगिक नगरी फरीदाबाद को बुधवार को अमृता अस्पताल के रूप में चिकित्सीय क्षेत्र की बड़ी सौगात मिली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हेलीकाप्टर से पहुंचकर अमृता अस्पताल का उद्घाटन किया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश भी यह कोशिश कर रहा है कि सरकारें पूरी निष्ठा और ईमानदारी से मिशन मोड में देश के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र का कायाकल्प करें। इसके लिए सामाजिक संस्थाओं को भी प्रोत्साहन किया जा रहा है।
निजी अस्पतालों के साथ प्रभावी पीपी माडल तैयार हो रहा है। हमारे कई दूसरे धार्मिक संस्थान इस तरह के इंस्टीट्यूट चला भी रहे हैं, कई संकल्पों पर काम कर रहे हैं। समाज के हर वर्ग हर संस्था हर सेक्टर के प्रयास का नतीजा होता है कि हमने कोरोना के काल में देखा है। आपको याद होगा भारत ने अपनी वैक्सीन बनाई थी तो कुछ लोगों ने दुष्प्रचार की कोशिश की थी। देश के धार्मिक गुरु एक साथ आए और लोगों को अफवाहों पर ध्यान देने का कहा। तब लोगों में विश्वास पैदा हुआ।
इस बार लाल किले से मैंने अमृतकाल के पंच प्राणों का विजन देश के सामने रखा। इनमें एक है गुलामी की मानसिकता का पूर्णतया त्याग। इसकी देश में खूब चर्चा भी हो रही है। इस मानसिकता का जब हम त्याग करते हैं तो हमारे काम की दिशा भी बदल जाती है। यही त्याग प्राइवेट अस्पतालों में भी दिख रहा है। हमारा योग और आयुर्वेद विश्व चिकित्सा पद्धति बन चुका है। स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं का दायरा केवल अस्पतालों और इलाज तक सीमित नहीं होता। सेवा से जुड़े ऐसे कई कार्यक्रम होते हैं जो स्वस्थ समाज की आधारशिला रखते हैं।
देश ने तीन साल पहले जनजीवन अभियान की शुरुआत
साफ पानी तक लोगों की पहुंच ऐसा ही विषय है। हमारे देश में कितनी ही बीमारियां प्रदूषित पानी से होती रही है। इसलिए देश ने तीन साल पहले जनजीवन अभियान की शुरुआत की। इन तीन सालों सात करोड़ लोगों को पाइप से पानी पहुंचाया जा चुका है। इसमें हरियाणा सरकार ने भी महत्वपूर्ण कार्य किया है। हरियाणा आज उन अग्रणी राज्यों में है जो घर-घर पाइप से जुड़ चुका है। खेल तो यहां की मिट्टी में है। तभी यहां के युवा खेल के मैदान में तिरंगे की शान बढ़ा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सही विकास होता ही वह है जो सब तक पहुंचे जिससे सबको लाभ हो। गंभीर बीमारी के इलाज को सब तक पहुंचाने की भावन अमृता अस्पताल की है। मुझे विश्वास है कि सेवाभाव का आपका यह संकल्प हरियाणा दिल्ली एनसीआर के लाखों परिवारों को आयुष्मान बनाएगा। इस दौरान उनके साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, अमृतानंदमयी मठ की प्रमुख मां अमृता, केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला मौजूद रहे।
अस्पताल का निर्माण माता अमृतानंदमयी मिशन ट्रस्ट (।उतपजं भ्वेचपजंस) की ओर से किया गया है हालांकि इसे निजी क्षेत्र का ही माना जाएगा। लेकिन ट्रस्ट की प्रमुख आध्यात्मिक गुरु मां अमृतानंमयी की जिस तरह से सेवा भावना वाली छवि है, उसे देखते हुए इस अस्पताल का लाभ आर्थिक रूप से कमजोर जरूरतमंदों को बेहद रियायती दर पर देने की बात भी अस्पताल से जुड़े अधिकारियों द्वारा की जा रही है। इसका स्वरूप क्या होगा, यह आने वाले समय में पता चलेगा। यह एशिया का सबसे बड़ा निजी अस्पताल है।
पहले चरण में 550 बेड की सुविधाओं के साथ शुरू होगा
इसमें सभी प्रमुख चिकित्सकीय सुविधाएं होंगी, जिसमें आर्कियोलाजी, कार्डियक साइंस, न्यूरो साइंस, गेस्ट्रो साइंस, रिनल, ट्रामा ट्रांसप्लांट, मदर एंड चाइल्ड केयर सहित 81 तरह की विशेष चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
24 अगस्त को प्रधानमंत्री के उद्घाटन के बाद अगले दिन इस अस्पताल में 550 बिस्तरों से इसकी शुरुआत हो जाएगी।