- सड़क मार्ग से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भू-स्खलन के कारण जो भी सड़क मार्ग बाधित होता है तो उसे आवाजाही हेतु तत्परता से यातायात हेतु सुचारू किया जाए
- सभी उप जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि क्षेत्र में भू-स्खलन के कारण जो भी क्षति एवं नुकसान होता है उसका तत्काल आंकलन कर पीड़ित को नियमानुसार मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जाए
जिलाधिकारी ने जिला कार्यालय कक्ष में आपदा से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनपद में हो रही भारी बारिश के दृष्टिगत सभी अधिकारी सतर्क एवं अलर्ट रहें तथा किसी भी प्रकार से कहीं आपदा एवं भू-स्खलन की घटना घटित होने पर सभी संबंधित अधिकारी तत्परता से राहत एवं बचाव कार्य करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने सड़क मार्ग से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनपद में जो भी संवेदनशील क्षेत्र एवं जिन क्षेत्रों में भू-स्खलन की स्थिति निरंतर बनी रहती है ऐसे स्थानों में जेसीबी मशीन के साथ ऑपरेटर 24 घंटे तैनात रहें तथा सड़क मार्ग बाधित होने पर मार्ग को खुलवाने की कार्यवाही त्वरित गति से की जाए ताकि आम जनमानस एवं केदारनाथ यात्रा पर आ रहे तीर्थ यात्रियों को परेशानी एवं असुविधा न हो। इसके साथ ही संबंधित अधिकारी एवं सभी जेसीबी ऑपरेटरों के मोबाइल नंबर भी तहसील मुख्यालयों, पुलिस थाना, चौकियों एवं आपदा कंट्रोल रूम को भी उपलब्ध कराएं ताकि कोई घटना घटित होने पर इसकी सूचना संबंधित क्षेत्र के अधिकारी एवं जेसीबी ऑपरेटर को उपलब्ध कराई जा सके।
सभी उप जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्क रहें तथा किसी भी क्षेत्र में किसी भी प्रकार की घटना घटित होने की सूचना मिलने पर त्वरित स्थलीय निरीक्षण करते हुए राहत एवं बचाव कार्य करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही क्षति का आंकलन करते हुए पीड़ित को नियमानुसार मुआवजा उपलब्ध कराए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, जिला विकास अधिकारी अनिता पंवार, उप जिलाधिकारी जखोली परमानंद राम, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, अधिशासी अभियंता लोनिवि जेएस रावत, मनोज भट्ट, ग्रामीण निर्माण विभाग हितेश पाल सिंह, सहायक अभियंता एनएच नंदिता सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।