जिप अध्यक्ष को प्रशासक बनाने को कांग्रेस ने किया एक्ट मे संशोधन: चौहान

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घड़ियाली आंसू बहा रही कांग्रेस को खाता और बही के अवलोकन की जरूरत

 

राज्य इकाई को बाईपास करने वाले न बांटे ज्ञान, भाजपा कार्यकर्ता आधारित दल

 

 

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने जिप अध्यक्ष को प्रशासक बनाने के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा 2016 मे एक्ट मे बदलाव को जवाबदेह बताया और कहा कि अब वह पंचायत प्रतिनिधियों के प्रति झूठी हमदर्दी जताकर घड़ियाली आंसू बहा रही है।

 

कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को तथ्यों का भली भाँति अध्ययन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 मे तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार मे जिप अध्यक्ष को प्रशासक बनाने के लिए रूप रेखा तय की गयी थी।

पंचायत राज एक्ट में 2016 में संशोधन के तहत पंचायत राज एक्ट 2016,130/6 संशोधन में प्रशासक नियुक्ति का अधिकार है ।

 

जिला पंचायतों में प्रशासन बैठने का निर्णय राज्य हित में संविधान सम्मत निर्णय लिया गया है । प्रदेश के जिलों में विकास कार्य प्रभावित ना हो, इसीलिए उत्तरांचल पंचायत राज एक्ट के तहत प्रशासक बैठाए गए हैं।

 

उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत राज एक्ट मे ग्राम प्रधान या ब्लॉक प्रमुख का कार्यकाल बढाने का का कोई प्रविधान नहीं है। 2021 मे इसे लेकर हाई कोर्ट मे दायर याचिका भी खारिज हो चुकी है। हाईकोर्ट भी इस पर गाइड लाइन तय कर चुका है।

है। सरकार द्वारा प्रशासक नियुक्त किए हैं, लेकिन उन्हें वित्तीय अधिकार नहीं दिए गए। साथ नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार भी प्रशासक के बजाय शासन को दिए गए हैं।

 

चौहान ने राज्य मे केंद्रीय नेताओं के पैनल और राज्य को दिशा निर्देश जैसे सुझाव को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गोदियाल के कथन को हास्यास्पद और ज्ञान उपदेशक बताया। चौहान ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित दल है, लेकिन कांग्रेस हाईकमान से संचालित हो रही है, जिसका नेतृत्व वह खुद कर रहे हैं। हाल ही मे केदारनाथ उप चुनाव मे इसकी बानगी देखने को भी मिली, जब कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व सर्वे के आधार पर पैनल तैयार कर रहा था और केंद्र ने एक दिन मे सर्वे और उम्मीदवार भी तय कर कांग्रेसियों को चौंका दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सभी फैसले राज्य मे होते है, जबकि कांग्रेस दस जनपथ से सब तय करती है।

 

चौहान ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि वह अपने पुराने लेखे जोखे के आधार पर ही कहने की जरूरत है, क्योंकि कांग्रेस बिना खाता बही के खुद को सही साबित करने की कोशिश करती रही है। इसी कारण अब जनता को उसके कथन पर भरोसा नही है।

 

 

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