उत्तराखंड की तीन बेटियों ने पेश की मिसाल, बनीं ‘ड्रोन दीदी’

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देहरादून,9 फरवरी 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : पिथौरागढ़ की तनुजा वर्मा, गैरसैंण की रौशनी और उत्तरकाशी की जशोदा जैसी ग्रामीण पृष्ठभूमि और सामाजिक तौर पर कमजोर तबके से आने वाली युवतियों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था

कि वो ड्रोन जैसे आधुनिक उपकरण को चलाना सीख जाएंगी।

लेकिन उत्तराखंड सरकार की ‘ड्रोन दीदी’ योजना Drone didi scheme ने उनके सपनों को हकीकत में बदल दिया है।

लैपटॉप से ड्रोन तक का सफर

कभी लैपटॉप तक नहीं चलाने वाली इन युवतियों ने आज ड्रोन असेम्बलिंग, रिपेयरिंग से लेकर फ्लाइंग तक का काम आसानी से कर रही हैं।

यह सब उत्तराखंड सरकार के उपक्रम आईटीडीए कैल्क के ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स की बदौलत संभव हो पाया है।

मुख्यमंत्री का विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार ग्रामीण और आर्थिक सामाजिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि वाले युवाओं में तकनीकी कौशल बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

इसी क्रम में आईटीडीए कैल्क, भारत सरकार की वित्तीय सहायता और उत्तराखंड युवा कल्याण विभाग के सहयोग से, अनुसूचित जाति की युवतियों के लिए ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स संचालित कर रहा है।

निःशुल्क प्रशिक्षण और सुविधाएं

देहरादून में प्रांतीय युवा कल्याण निदेशालय परिसर में चल रहे इस कोर्स के पहले बैच में प्रदेश भर से 52 युवतियां शामिल हो रही हैं।

37 दिन के इस कोर्स में 330 घंटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

प्रशिक्षण से लेकर रहने, खाने और आने-जाने का खर्च भी सरकार उठा रही है।

पुरुस्कार में मिलेंगे निशुल्क ड्रोन

ऋषिकेश सेंटर के प्रभारी वीरेंद्र चौहान के मुताबिक कोर्स के बाद परीक्षा आयोजित की जाएगी।

सफल प्रशिक्षणार्थियों को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।

साथ ही, प्रशिक्षण में प्रथम पांच स्थान पर रहे प्रशिक्षणार्थियों को निशुल्क ड्रोन भी दिया जाएगा।

योजना के तहत कुल 200 युवक-युवतियों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाना है।

रोजगार के अवसर

प्रशिक्षण प्राप्त कर रही युवतियों का कहना है कि अब वो ड्रोन सेवाओं पर आधारित स्वरोजगार करने के साथ ही आपदा और चिकित्सा सेवा में भी सरकार को सहयोग प्रदान कर सकती हैं।

इनमें से कुछ युवतियां खुद का ड्रोन भी खरीदने की योजना बना रही हैं।

भविष्य की उड़ान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि उत्तराखंड के युवाओं को उच्च तकनीकी कौशल प्रदान करने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है।

ड्रोन दीदी योजना भी इसी कड़ी का हिस्सा है।

भविष्य में ड्रोन सेवाओं का दायरा बढ़ने वाला है,

इसलिए हमारे पास इसके लिए पहले से ही प्रशिक्षित मानव बल उपलब्ध होगा।