देहरादून,19 मार्च 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड सहकारिता विभाग की अपर निबंधक ईरा उप्रेती ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए बताया है कि
कुछ अराजक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से विभाग की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है.
विशेष रूप से लोनी अर्बन कोऑपरेटिव सोसाइटी (LUCC) नामक एक समिति के संबंध में भ्रामक समाचार फैलाए जा रहे हैं,
जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि यह समिति उत्तराखंड सहकारिता विभाग से पंजीकृत है,
जबकि वास्तविकता में ऐसी कोई पंजीकृत समिति विभाग के अंतर्गत मौजूद नहीं है.
इस प्रकार की झूठी अफवाहों से न केवल विभाग की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच रही है,
बल्कि आम जनता में भी भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है.
सोशल मीडिया पर सहकारिता विभाग को लेकर फैलाई जा रही झूठी अफवाह
अपर निबंधक सहकारिता ईरा उप्रेती ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ शरारती तत्वों के द्वारा सहकारिता विभाग की छवि को धूमिल किया जा रहा है.
इस संबंध में सहकारिता मंत्री एवं सहकारिता विभाग की छवि बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
लोनी अर्बन कोऑपरेटिव सोसाइटी का मामला
सोशल मीडिया के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि एक सोसाइटी जिसका नाम लोनी अर्बन कोऑपरेटिव सोसाइटी है (LUCC), इस समिति में बड़ी संख्या में निवेशकों का पैसा डूब गया है.
इस स्थिति में यह ज्ञात हुआ है कि सोशल मीडिया में इस समिति को उत्तराखंड सहकारिता विभाग से पंजीकृत समिति बताया जा रहा है,
जो कि पूरी तरह मनगढ़ंत और भ्रामक समाचार है.
इस नाम की समिति उत्तराखंड सहकारिता विभाग से कोई पंजीकरण नहीं है,
किंतु सोशल मीडिया के माध्यम से इस समिति को सहकारिता विभाग से जोड़कर विभाग की छवि धूमिल की जा रही है.
आईटी एक्ट के तहत होगी कार्रवाई
अपर निबंधक ईरा उप्रेती ने बताया कि फेसबुक, व्हाट्सएप एवं अन्य सोशल मीडिया माध्यमों के द्वारा विभाग की प्रतिष्ठा धूमिल करने के प्रयास और छींटाकशी के मामलों में कड़ी कार्यवाही के प्रावधान हैं.
पुनः ऐसी शिकायत आने पर आरोपी के खिलाफ सख्त एवं त्वरित कार्यवाही की जाएगी.
आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत ऐसे मामलों में तीन वर्ष की कैद का प्रावधान है,
साथ ही मानहानि का मामला अलग से बनता है.
इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के दुरुपयोग पर दंड
उन्होंने कहा कि आईटी एक्ट के अनुसार किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम (कंप्यूटर, मोबाइल, टैबलेट आदि) का प्रयोग किसी व्यक्ति के खिलाफ दुष्प्रचार करने, मिथ्या आरोप लगाने, अनर्गल टिप्पणी करने, प्रतिष्ठा गिराने, छींटाकशी करने या किसी की प्रतिष्ठा पर कीचड़ उछालने के लिए किया जाता है तो आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई एवं कारावास का प्रावधान है.
उन्होंने कहा कि इन मामलों में आईटी एक्ट के अलावा मानहानि के आधार पर भी आरोपी के खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है.
सूचना के सत्यापन का आग्रह
उक्त संबंध में यदि पुनः किसी भी व्यक्ति के द्वारा या सोशल मीडिया पर विभाग की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जाएगा.
तो विभाग के द्वारा उक्त व्यक्ति या सोशल मीडिया संस्थान पर संबंधित धाराओं में कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
अतः कोई भी समाचार या सोशल मीडिया पोस्ट अपलोड करने से पूर्व सत्यता की जांच कर ली जाए तो उचित रहेगा.