देहरादून,9 फरवरी 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों में एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जिसने सबको चौंका दिया।
मेडल सेरेमनी में खिलाड़ियों को मेडल देने के लिए कोई इंसान नहीं, बल्कि एक रोबोट आया! जी हां, आपने सही सुना।
इस रोबोट का नाम है ‘मौली’, और इसने अपनी अनोखी परफॉर्मेंस से सबका मन मोह लिया।
शनिवार को एथलेटिक्स इवेंट की मेडल सेरेमनी में ‘मौली’ ने पहली बार अपनी सेवाएं दीं।
खिलाड़ियों और दर्शकों ने जब ‘मौली’ को मेडल लेकर आते देखा, तो वे हैरान रह गए।
‘मौली’ ने बड़ी ही शालीनता से एक ट्रे में मेडल रखकर विजेताओं तक पहुंचाए,
और अतिथियों ने उन मेडलों को खिलाड़ियों के गले में पहनाया।
यह अनोखी पहल उत्तराखंड सरकार और पुलिस की ड्रोन टीम का संयुक्त प्रयास है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खेलों में तकनीकी प्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए कहा था,
जिसके बाद यह रोबोटिक पहल शुरू की गई।
‘मौली’ को बनाने में उत्तराखंड पुलिस की ड्रोन टीम ने एक प्राइवेट फर्म ‘डीटाउन रोबोटिक्स’ के साथ मिलकर काम किया।
इस टीम ने करीब डेढ़ महीने की मेहनत से ‘मौली’ को तैयार किया।
खेल निदेशक प्रशांत आर्या ने बताया कि एथलेटिक्स के लगभग 40 इवेंट में मेडल सेरेमनी के दौरान ‘मौली’ का ही इस्तेमाल किया जाएगा।
इस अनोखे प्रयोग के बारे में ओलंपियन मनीष रावत ने कहा कि उन्होंने पहली बार मेडल सेरेमनी में रोबोट का इस्तेमाल देखा है।
राष्ट्रीय खेलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा ने बताया कि हैमर थ्रो, जेवलिन थ्रो, डिस्कस थ्रो जैसे एथलेटिक्स इवेंट में भी रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि मानव श्रम पर निर्भरता कम हो सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन के अलावा कई अभिनव पहल भी देखने को मिल रही हैं।
तकनीकी पहल भी अब राष्ट्रीय खेलों के साथ जुड़ गई है।
हमारी कोशिश यही है कि नई तकनीक का पूरा लाभ लेते हुए खेल विकास के लिए कार्य किया जाए।
इस खबर से यह साफ हो गया है कि उत्तराखंड न केवल खेलों में, बल्कि तकनीकी क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा है।
‘मौली’ रोबोट का यह प्रयोग देश भर में चर्चा का विषय बन गया है,
और यह साबित करता है कि तकनीक का सही इस्तेमाल किसी भी क्षेत्र में चमत्कार कर सकता है।