भारत और चीन के बीच एलएसी पर विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच लेिन शंघाई सहयोग संगठन में भाग लेने मॉस्को गए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच गुरुवार की रात करीब ढाई घंटे तक द्विपक्षीय वार्ता हुई। यहां जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी के बीच द्वीपक्षीय वार्ता के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव खत्म करने को लेकर 5 प्वाइंट पर सहमति बनी है।
विवाद में नहीं बदलने चाहिए मतभेद
बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन विदेश मंत्री को कहा दो टूक कहा कि सीमा पर यथास्थिति में किसी भी तरह के बदलाव की कोशिश नहीं होनी चाहिए। जयशंकर ने वांग यी से साफ-साफ कहा कि सीमा से जुड़े सभी समझौतों का पूरी तरह पालन हो। बैठक में दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि मतभेद विवाद में नहीं बदलने चाहिए।
इस मीटिंग के बाद मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि सीमा पर वर्तमान स्थिति किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। साथ ही दोनों देशों के जवानों के बीच बातचीत जारी रखने, तुरंत पीछे हटने और तनाव कम करने को लेकर सहमति बनी।
खबर है कि बैठक में जयशंकर ने बताया तनाव के दौरान भी कि भारतीय जवानों ने सीमा से जुड़े सभी समझौतों का पालन किया है। उन्होंने एलएसी के पास भारी संख्या में चीनी सैनिक और उपकरणों की तैनाती पर सवाल उठाए। भारत की ओर से कहा गया कि ऐसे कदम साल 1993 और 1996 के समझौते का उल्लंघन हैं। चीनी पक्ष भारत की इस आपत्ति का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया।
चीनी विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन और भारत के संबंध एक बार फिर दोराहे पर खड़े हैं। मगर जब तक दोनों पक्ष अपने संबंधों को सही दिशा में बढ़ाते रहेंगे, तब तक कोई परेशानी नहीं होगी और ऐसी कोई भी चुनौती नहीं होगी जिसको हल नहीं किया जा सकेगा।