बरगद का पेड़ हो चुके हैं हरीश रावतः हरक सिंह रावत

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वन एवं श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि, हरीश रावत ऐसा बरगद का पेड़ हो चुके हैं, जो किसी दूसरे को पनपने ही नहीं देता। बकौल हरक, कांग्रेस हाईकमान ने रावत को पंजाब प्रभारी बनाकर उन्हें उत्तराखंड की राजनीति से हट जाने का इशारा कर दिया है। इसलिए उन्हें खुद ही उत्तराखंड की राजनीति से अलग कर लेना चाहिए।

बड़े नेता हैं हरीश रावत

हरक ने पूर्व सीएम हरीश रावत पर भावनात्मक अंदाज में सियासी हमला बोला। उन्होंने कहा कि हरीश रावत बड़े नेता हैं। मेरे बड़े भाई हैं। लेकिन, वो यह नहीं चाहते कि किसी को पनपने दिया जाए। अब मेरे नाम में ‘ह’ भी है, ‘सिंह’ भी है और ‘रावत’ भी है। ये तीनों हरीश रावत के नाम में हैं।

इसके बावजूद विरोध की वजह उनकी बरगद के पेड़ जैसी प्रकृति है। न केवल मुझसे बल्कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को भी वो इसीलिए बर्दाश्त नहीं करते। एक पुराना किस्सा साझा करते हरक ने कहा कि, पूर्व में एक बार कांग्रेस का गढ़वाल-कुमाऊं का सघन दौरा करने का कार्यक्रम बना रहा था। गांधी पार्क के बाहर बैठ कर इसकी तैयारी हो रही थी।

गढ़वाल मंडल में कई नेता तय कर दिए गए थे। लेकिन, जब हरीश से पूछा गया और कुमाऊं के प्रभावशाली नेताओं के नाम मांगे गए तो उन्होंने अपने और पूर्व सांसद महेंद्र पाल समेत एक दो नाम दिए। बाकी बताए ही नहीं। इससे साफ हो गया था कि वो वहां किसी को पनपने ही नहीं देना चाहते। हरक ने कहा कि जब कोई किसी मुकाम पर पहुंच जाता है तो उसे और लोगों के लिए भी रास्ते छोड़ने चाहिए, जिससे सभी को आगे बढ़ने का मौका मिले।

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