चीन सीमा पर एलएसी के पास पुल धंसा, आवागमन प्रभावित

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ट्राला चालक की लापरवाही से चीन सीमा पर सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मुनस्यारी-मिलम मार्ग पर स्थित सैनर गाड़ के पास बना पुल ध्वस्त हो गया। चालक पोकलैंड लदे ट्राला को पुल के ऊपर से ले जा रहा था। वहां तैनात बीआरओ सीमा सड़क संगठन के कर्मचारी ने चालक को ऐसा करने से रोका। उसने कहा कि यह पुल इतना अधिक भार नहीं सह पाएगा। लिहाजा इसके ऊपर से ट्राला और उसपर लदे पोकलैंड को लेकर न गुजरे। पर वह नहीं माना। ट्राला के पुल के बीच में पहुंचते ही पुल ध्वस्त हो गया।

हादसे में ट्राले पर सवार दो लोग घायल हो गए। उन्हें निकालकर इलाज के जिए भेजा गया है। इसके साथ ही ट्राला और पोकलैंड को निकालने की कोशिश की जा रही है। पुल टूटने के कारण उच्च हिमालय के गांवों से माइग्रेशन करने वाले ग्रामीणों, आर्मी के जवानों का आवागमन तो प्रभावित हुआ ही वहीं मुनस्यारी-मिलम तक बन रहे सड़क का निर्माण कार्य भी प्रभावित होगा।

मुनस्यारी से मिलम तक तेजी से चल रहा सड़क का निर्माण

पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील से भी चीन सीमा तक सड़क निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। मुनस्यारी से मिलम सड़क को वर्ष 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 80 किमी. लंबी बनने वाली इस सड़क में करीब 55 किमी तक चट्टानों को काटकर सड़क निर्माण का काम पूरा कर लिया गया है। शेष मध्य हिमालय में करीब 25 किमी चट्टानों को काटने के लिए बीआरओ ने एबीसीएल कंपनी को ठेका दिया है।

कंपनी ने 2021 तक सड़क निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हेवी मशीनों को लगाकर चट्टानों को काटा जा रहा है। जहां मशीने नहीं पहुंच पा रही है वहां सेना के मालवाहक जहाजों से पहुंचाया जा रहा है। उच्च हिमालय में चट्टानों को काटने का कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है। हिमालय के निचले हिस्से में ही सड़क निर्माण का काम होना है। यहां की चट्टानें भी अपेक्षाकृत अधिक कठोर हैं।

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