शनिवार को एम्स निदेशक प्रोफेसर डा. रविकांत ने एम्स के रेडियोलॉजी विभाग में हाई एनर्जी लीनियर एक्सीलेटर मशीन का शुभारंभ किया गया। करीब 30 करोड़ की लागत वाली इस मशीन से शनिवार को पहले कैंसर मरीजा का उपचार भी किया गया।
प्रोफेसर डा. रविकांत ने बताया कि कई नॉन कैंसर वाली बीमारियों जैसे एवी मैलफंक्शन ऑफ ब्रैन, ट्रिजेमिनल न्यूरलजिया और नॉक कैंसर वाले टयूमर का इलाज भी इस मशीन से संभव है। उन्होंने बताया कि देशभर के छह एम्स में सबसे पहले एम्स ऋषिकेश में यह मशीन स्थापित की गई है।
आसपास के राज्यों के कैंसर मरीजों को भी मिलेगा लाभ
इस मशीन से उत्तराखंड ही नहीं अपितु आसपास के राज्यों के कैंसर मरीजों को भी लाभ मिलेगा। इस मौके पर प्रोफेसर बीना रवि, प्रोफेसर मनोज गुप्ता, डीन सुरेश किशोर, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर हरीश थपलियाल आदि मौजूद थे। एम्स के पीआरओ हरीश थपलियाल ने बताया कि इस मशीन से कैंसर का उपचार मात्र पांच हजार रुपये में होगा। जबकि, प्राइवेट अस्पतालों में तकरीबन तीन लाख रुपये तक चार्ज किया जाता है।
उन्होंने बताया कि जहां अन्य मशीनों और तरीकों से कैंसर के अलावा अच्छे सेल भी नष्ट होते हैं, इस मशीन द्वारा सिर्फ कैंसर से प्रभावित टिश्यू ही नष्ट होते हैं।