शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से बातचीत में प्रीतम सिंह ने कहा कि देश और प्रदेश में बेरोजगारों के सब्र का बांध टूट रहा है। उन्होंने एक सर्वे के आधार पर दावा किया कि बेरोजगारी की दर उत्तराखंड में सबसे ज्यादा 22.3 फीसद है। वहीं विधानसभा सत्र के दौरान सरकार सदन में सात लाख रोजगार देने का दावा कर चुकी है। यह युवाओं के साथ भद्दा मजाक है। हालत यह है कि नई भर्तियों में भ्रष्टाचार हो रहा है। नर्सिंग भर्ती में एक साल कार्य अनुभव और आयकर देने संबंधी पात्रता शर्तें बेरोजगारों का मजाक उड़ाने वाले हैं।
प्रीतम सिंह ने कहा कि फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में बड़े स्तर पर अनियमितताएं सामने आ चुकी हैं। पंचायतीराज विभाग में भी नियुक्तियों में गड़बड़ी सामने आने के बाद युवा आंदोलनरत हैं। कोरोना काल में अन्य प्रदेशों से लौटे लोग सरकार से रोजगार की मांग करते रह गए। उन्हें ब्याजमुक्त ऋण देने के नाम पर शोर मचाया गया, हकीकत ये है कि 3917 आवेदकों में से महज 588 को ऋण दिया जा सका। सरकार बेरोजगारों का शोषण करने पर तुल गई है। वे असहाय महसूस कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस उनके समर्थन में मुखर होकर आवाज बुलंद करेगी।
देश और प्रदेश में रोजगार के लिए तरस गए युवा
विधायक मनोज रावत ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दृष्टि पत्र जारी कर डबल इंजन और रोजगार देने के सब्जबाग दिखाए थे। हालत ये है कि देश और प्रदेश में युवा रोजगार के लिए तरस गए हैं। अगले वर्ष फिर चुनाव होने हैं। इस आखिरी साल में कांग्रेस बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को चैन से बैठने नहीं देगी।