देहरादून: बुजुर्ग श्याम लाल की हत्या करने वाले ईनामी दंपति गिरफ्तार

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देहरादून ,28 फरवरी 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : पटेलनगर क्षेत्र से अपहृत बुजुर्ग श्याम लाल की निर्मम हत्या के मामले में देहरादून पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए 25-25 हजार रुपये के ईनामी दंपति को गिरफ्तार कर लिया है।

दोनों आरोपियों को पंजाब के अमृतसर से पकड़ा गया।

पुलिस के अनुसार, इस दंपति ने बुजुर्ग की अश्लील वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करने और पैसे ऐंठने की योजना बनाई थी।

लेकिन जब बुजुर्ग ने इसका विरोध किया, तो उन्होंने उसकी निर्मम हत्या कर दी।

अपहरण और हत्या की रची साजिश

पुलिस के अनुसार, दंपति ने अपनी योजना को अंजाम देने के लिए एक अलग कमरा किराए पर लिया था।

योजना के तहत, महिला ने बुजुर्ग को कमरे में बुलाया था।

लेकिन जब बुजुर्ग को साजिश का पता चला, तो उन्होंने विरोध किया, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई।

हत्या के बाद, आरोपियों ने शव के कई टुकड़े किए और उन्हें प्लास्टिक के थैलों में भरकर नहर में फेंक दिया

पुलिस की जांच 

बुजुर्ग की गुमशुदगी की रिपोर्ट 7 फरवरी 2025 को दर्ज की गई थी।

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू की और गुमशुदगी को अपहरण में बदल दिया।

एसएसपी देहरादून ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया।

टीम ने सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से आरोपियों की पहचान की।

जांच में पता चला कि बुजुर्ग को आखिरी बार एक महिला के घर के पास देखा गया था।

जब पुलिस ने महिला और उसके पति की तलाश की, तो वे दोनों फरार मिले।

सर्विलांस से मिले सुरागों के आधार पर पुलिस ने महिला के भाई और बहनोई को गिरफ्तार किया, जिन्होंने हत्या और शव को ठिकाने लगाने की बात कबूल की।

शव की बरामदगी 

पुलिस ने 20 फरवरी 2025 को मृतक श्याम लाल के शव को सहारनपुर के बड़गांव थाना क्षेत्र से बरामद किया।

मुख्य आरोपी दंपति घटना के बाद से ही फरार थे।

उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमों ने मुंबई, जयपुर, प्रयागराज, कुरुक्षेत्र और अमृतसर में छापेमारी की।

लगातार प्रयासों के बाद, पुलिस ने दोनों आरोपियों को अमृतसर से गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ 

पूछताछ में महिला ने बताया कि उसके मृतक के साथ पिछले 12 सालों से अवैध संबंध थे।

उसने मई 2024 में आरोपी पति से शादी की थी।

हिमांशु चौधरी देहरादून से एमबीबीएस की पढाई कर रहा था

तथा बार-बार ड्राप आउट होने के कारण उसकी पढाई पर काफी खर्चा हो गया था।

और पैसों की तंगी के कारण उन्होंने बुजुर्ग को ब्लैकमेल करने की योजना बनाई थी।

योजना के तहत, महिला ने बुजुर्ग को किराए के कमरे में बुलाया, जहां उसके पति ने छिपकर उनकी अश्लील वीडियो बनाने की कोशिश की।

लेकिन जब बुजुर्ग को साजिश का पता चला, तो उन्होंने विरोध किया,

जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई।

हत्या के बाद अभियुक्तों द्वारा मृतक के शव को उक्त कमरे में ही छोड दिया

तथा घटना के अगले दिन अभियुक्ता गीता द्वारा घटना की जानकारी देते हुए अपने भाई अजय को तथा दिनांक: 04-02-25 को अपने बहनोई धनराज चावला को देते हुए उन्हें देवबंद सहारनपुर से देहरादून बुलाया।

चूकिं अभियुक्त हिमांशु एमबीबीएस की पढाई कर रहा था, तो उसे जानकारी थी कि शव को एक दो दिन रखने के बाद शरीर में खून जम जाता है

तथा उसे काटने पर शरीर से खून नहीं निकलता है,

जिस पर हिमांशु चौधरी द्वारा अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर मृतक श्यामलाल के शव के अलग-अलग टुकडे कर उन्हें रस्सी से बांधकर प्लास्टिक के अलग-अलग कट्टों में डाल दिया

तथा अभियुक्त धनराज चावला द्वारा लाये गये वाहन में घरेलू सामान के साथ रखकर देहरादून से देवबंद ले गये तथा शव को देवबंद में साखन की नहर में फेंक दिया।

उन्होंने पुलिस को गुमराह करने के लिए बुजुर्ग की मोटरसाइकिल को आईएसबीटी के पास छोड़ दिया और नंबर प्लेट को कबाड़ में फेंक दिया.

घटना के बाद अभियुक्त हिमाशु चौधरी देवबंद से रूडकी आ गया।

जहां से वह गीता के साथ पुलिस से बचने के लिये पहले मुम्बई फिर जयपुर, प्रयागराज, कुरूक्षेत्र तथा अमृतसर में अलग-अलग स्थानों में छिपकर रह रहा था.

गिरफ्तार अभियुक्त:-

1- हिमांशु चौधरी पुत्र सतीश निवासी: नई बस्ती सुनहरा रोड रूडकी, हरिद्वार।
2- गीता पत्नी हिमांशु चौधरी निवासी उपरोक्त
मायका- कायस्थवाडा सैनी कालोनी, थाना देवबंद, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश।