विधानसभा में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत बोले, गैरसैंण पर राजनैतिक निर्णय हो चुका है। अब इसे अमल में लाने को सरकार विशेषज्ञों की समिति बनाने जा रही है। यह समिति गैरसैंण के साथ ही आसपास के इलाकों के विकास का खाका खींचेगी। इसमें कौन-कौन होंगे, मंत्रिमंडल ही निर्णय लेगा। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा के बाद सरकार जल्द इसका जीओ करने जा रही है। आगामी कैबिनेट में यह प्रस्ताव लाया जा सकता है। इससे पहले ग्रीष्मकालीन राजधानी का नोटिफिकेशन होगा। फिर मई-जून में विशेषज्ञों के साथ गैरसैंण में विकास की संभावनाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा।
उत्तराखंड को केंद्र से मदद की दरकार
उत्तराखंड के साथ गठित छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य के पुनर्गठन के बाद राजधानी निर्माण के लिए केंद्र सरकार से सहायता मिली, मगर तब उत्तराखंड में राजधानी का मसला नहीं सुलझने पर केंद्र से सहायता नहीं मिल पाई। सरकार के प्रवक्ता और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि गैरसैंण में सड़क, रेल और हवाई यातायात की सुविधा के विकास के लिए उत्तराखंड को केंद्र से मदद की दरकार होगी। इसके लिए केंद्र को जल्द ही प्रस्ताव भेजा जाएगा। गैरसैंण के लिए सरकार को अब केंद्र सरकार से भी बजट मिलने की उम्मीद है। सरकार इसका प्रस्ताव केंद्र के पास भेजने जा रही है।
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र के साथ ही पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा। इसके लिए बड़ी योजना की जरूरत है। सरकार ने एक साल पहले ही यहां जल संकट से निपटने के लिए झील बनाने की योजना बनाई थी, जो अब टेंडर जारी करने की स्थिति तक आ गई है। इस तरह चरणबद्ध तरीके से गैरसैंण का विकास होगा।