अठारह करडू की सौह ढालपुर मैदान में आज वसंत पंचमी के अवसर पर दो भाईयों राम और भरत का एक बार फिर महामिलन हुआ, जिसके सैकड़ों लोग गवाह बने। शनिवार सुबह से ही रथ मैदान व ढालपुर मैदान में रथयात्रा की तैयारियों को लेकर पुलिस जवान व नगर कर्मचारी डटे रहे। रथ मैदान में भगवान रघुनाथ जी के रथ को बाहर निकालकर उसे सजाया गया जबकि रघुनाथपुर व ढालपुर स्थित अस्थायी शिविर में सुबह से लेकर शाम तक भजन कीर्तन का दौर जारी रहा। शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे भगवान रघुनाथ जी ढोल-नगाड़ों की थाप पर लाव लश्कर के साथ अपने देवालय से रथ मैदान को रवाना हुए जहां से रथयात्रा निकली।
ढालपुर मैदान पर हुई विशेष पूजा-अर्चना
सैकड़ों लोगों ने इस रथ को खींचते हुए ढालपुर मैदान पहुंचाया जहां पर विशेष पूजा-अर्चना हुई। साथ ही इस दौरान राम व भरत के मिलन की रस्म भी अदा की गई।प्रशासन ने भी इस बार कोविड एसओपी का पालन करते हुए पूर्व की भांति उत्सव मनाने की अनुमति दी है। गौर रहे कि कुल्लू में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के बाद साल का यह पहला उत्सव होता है, जहां भगवान राम व भरत के मिलन के हजारों लोग गवाह बनते हैं वहीं, भगवान रघुनाथ जी की रथयात्रा दशहरा उत्सव के बाद यहां केवल वसंत पंचमी के दिन ही निकलती है। दशहरा उत्सव की ही तरह इस उत्सव के दौरान भी लोगों में भगवान रघुनाथ जी के रथ तक पहुंचने और रस्सी को खींचने की खूब होड़ लगी रहती है। हर कोई भगवान के रथ को खींचने में अपना योगदान देकर पुण्य कमाता है।
कुल्लू घाटी में 40 दिन पहले ही होली का भी आगाज
भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्ति के लिए वसंत पंचमी के दिन अधिकतर लोग पीले वस्त्र में ही नजर आए और भगवान रघुनाथ जी को भी पीले ही वस्त्र पहनाए गए। ढालपुर मैदान में हर कोई उत्साह के रंग में नजर आया और राम-भरत के मिलन के बाद हनुमान की अठखेलियां भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रही। केसरी रंग में पूरी तरह रंगा हुआ शख्स जिसे मान्यतानुसार जिसे यात्रा के दौरान भगवान हनुमान ही माना जाता है जिस भी श्रद्धालु को रंग लगाएगा उसे सौभाग्यशाली माना जाता है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कुल्लू घाटी में 40 दिन पहले ही होली का भी आगाज हो गया है। रथयात्रा के दौरान जहां रघुनाथपुर से लेकर ढालपुर मैदान तक खूब गुलाल उड़ा वहीं आज से अब भगवान रघुनाथ जी के दरबार में होली उत्सव तक गुलाल का दौर जारी रहेगा।