उत्तराखंड विधानसभा का 23 अगस्त से शुरू होने वाला पांच दिवसीय मानसून सत्र कई मायनों में अलग रहेगा। सरकार में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहली मर्तबा सत्र में नेता सदन के रूप में मौजूद रहेंगे, तो नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी पहली बार अपनी इस नई भूमिका में दिखेंगे। ऐसे में दोनों पर ही सबकी नजरें रहेंगी।
सत्र में नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष, दोनों के चेहरे बदले आएंगे नजर
चैथी विधानसभा का इस वर्ष का पहला सत्र छह मार्च को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में समाप्त हुआ था। तय नियमों के अनुसार विधानसभा के दो सत्रों के बीच छह माह से ज्यादा का वक्त नहीं होना चाहिए। इसे देखते हुए कैबिनेट ने 23 अगस्त से देहरादून मानसून सत्र आहूत करने का निर्णय लिया है। इस मर्तबा सत्र में नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष, दोनों के चेहरे बदले नजर आएंगे।
प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार में मार्च में हुए सत्र के तुरंत बाद नेतृत्व परिवर्तन किया गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को प्रदेश की कमान सौंपी गई थी। उनका चार माह का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही सरकार में फिर नेतृत्व परिवर्तन हुआ और तीरथ की जगह खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा इंदिरा हृदयेश के निधन के कारण यह पद रिक्त हो गया था। अब उनके स्थान पर चकराता से कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा सौंपा गया है। उधर, मानसून सत्र की तिथि तय होने के साथ ही विधानसभा तैयारियों में जुट गई है। सत्र के लिए विधायकों की ओर से अभी तक आनलाइन व आफलाइन 570 सवाल लगाए जा चुके हैं। यह सिलसिला अभी जारी है।