एसआरएचयू के भव्य दीक्षांत समारोह में पहुंचे राज्यपाल गुरमीत सिंह,997 छात्रों को प्रदान की गयी डिग्री

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देहरादून,24 मार्च 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के सातवें (सप्तम) दीक्षांत समारोह का आयोजन बेहद भव्य रहा.

समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीएसएम ने विश्वविद्यालय के 34 मेधावी छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की.

एमबीबीएस की केजिया, नर्सिंग की खुशी और अंजलि को ‘स्वामी राम बेस्ट ग्रेजुएट अवॉर्ड’ से सम्मानित करने के साथ 19 पीएचडी की उपाधि दी गयी।

दीक्षांत समारोह में कुल 997 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई.

सोमवार को एसआरएचयू के सातवें (सप्तम) दीक्षांत समारोह में अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को पुष्पगुच्छ, शॉल पहनाकर व स्मृति चिह्न भेंटकर स्वागत किया.

एसआरएचयू में दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से सेवा भाव से देश और समाज की सेवा करने का आह्वान किया.

राज्यपाल ने कहा कि एसआरएचयू देश व विदेश में प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में विख्यात है.

उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थी भारत जैसे विविधतापूर्ण एवं गतिशील देश की विरासत को और अधिक समृद्ध बनाने में अपना योगदान देंगे.

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने खुशी जतायी कि देश में बेटियां आगे बढ़ रही हैं.

एसआरएचयू के दीक्षांत समारोह में भी यही देखने को मिला.

जिन मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल प्रदान किया। उनमें छात्राओं की संख्या अधिक है.

उन्होंने कहा कि विकसित और सशक्त भारत की परिकल्पना को साकार करने में देश की बेटियां हर क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर योगदान दे रही है.

अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी.

कहा कि बड़े लक्ष्य निर्धारित करते हुए उसे अपने कठिन परिश्रम और लगन से पूर्ण करने का प्रयास करें.

उन्होंने कहा कि आपकी योग्यता और अनुभव का लाभ राष्ट्र व समाज को अवश्य मिले। कहा कि शिक्षा केवल डिग्री ले लेना ही नहीं है,

बल्कि यह आत्म ज्ञान की प्राप्ति, सशक्तिकरण एवं परिवर्तन का माध्यम भी है

कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल ने छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देने के साथ कहा कि जीवन में सीखने की प्रवृत्ति एक छात्र के भीतर बनी रहनी चाहिए.

जिज्ञासु बने रहना एवं उसके समाधान हेतु निरंतर शोध करते रहना चाहिए.

इस दौरान उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा, डायरेक्टर जनरल (एकेडमिक डेवलेपमेंट) डॉ.विजेंद्र चौहान, कुलसचिव कमांडर वैंकटेश्वर व बीओजी-बीओएम सदस्य सहित डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला व विश्वविद्यालय के समस्त कॉलेज प्रधानाचार्य मौजूद रहे

राज्यपाल से सम्मानित होने वाले 34 मेधावी छात्र-छात्राएं

डॉ.स्वामी राम बेस्ट ग्रेजुएट अवॉर्ड-

केजिया (एमबीबीएस-2017),

खुशी भट्ट (बीएससी नर्सिंग-2019),

अंजलि (बीएससी नर्सिंग-2020)

31 छात्र-छात्राओं को एकेडमिक अवार्ड से सम्मानित किया गया

– सरिना राना चौहान (नर्सिंग),

संध्या चाको चौहान (नर्सिंग),

सृष्टि चौहान (क्लिनिकल रिसर्च),

रितिका शर्मा (एपिडेमियालॉजी),

अंजलि राना (एमएचए),

स्वपनिल तिवारी (फिजियोथैरेपी),

गार्गी गौतम (बॉयोकेमिस्ट्री),

मानसी नौटियाल (बायोटेक्नोलॉजी),

विदुषी अग्रवाल (माइक्रोबायोलॉजी),

वंशिका नेगी (एमबीए),

अनुराग दास (एमसीए),

सृष्टि ठकुरी (योग विज्ञान),

खुशी भट्ट (नर्सिंग),

अंजलि (नर्सिंग),

अल्का चौहान (नर्सिंग),

प्रेमा (नर्सिंग),

केजिया (एमबीबीएस),

सेजल शाह (एमबीबीएस),

आदित्य बिष्ट (बीएएसएलपी),

कोमल मिश्रा (बीएएसएलपी),

समृद्धि सूद (ऑप्टोमेट्री),

सिमरन थापा (ऑप्टोमेट्री),

शालिनी श्रीवास्तव (फिजियोथेरपी),

सोनम सजवाण (लैब टैक्निशियन),

अंकिता, (ओटी टैक्लिशियन),

मुस्कान सिंह (बीएमआरटी),

निकिता मैठानी (बॉयोटेक्नोलॉजी),

ज्योतसना मलिक (माइक्रोबॉयोलॉजी),

कीर्ति नेगी (बीबीए),

शिवांशी कुकरेती (बीकॉम आनर्स),

महक कौशिक (बीसीए)

शौर्य दीवार पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्जवलन के साथ शुभारंभ-

इससे पहले राज्यपाल ने ले.जनरल गुरमीत सिंह ने विश्वविद्यालय कैंपस में शौर्य दीवार पर परमवीर चक्र से सम्मानित वीर सैनिकों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की.

इसके बाद दीक्षांत समारोह का शुभारंभ संस्थापक डॉ.स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया गया.

’समारोह में बयान’

‘संस्थापक डॉ. स्वामी राम के आदर्शों को इस संस्थान के ध्येय वाक्य ”प्रेम,सेवा और स्मरण” में देखा जा सकता है।

डॉ.स्वामी राम की तपोभूमि वाला यह विश्वविद्यालय उत्तराखंड में आम जनता के लिए शिक्षा के साथ ही गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रहा।

उन्होंने कहा कि स्वामी राम ने तीस साल पहले जो पौधा रोपा था आज वह वट वृक्ष बन चुका है।

उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपनी जड़ों से हमेशा जुड़े रहने का आह्वान किया।

– लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, राज्यपाल, उत्तराखंड

स्वामी राम जी ने यह संस्थान जिस विजन और मिशन के साथ शुरू किया था हम उस पर खरे उतरने का प्रयास कर रहे हैं।

स्वामी राम का मिशन “पहाड़ की सेवा” था जिसे साकार करने में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा असंभव कुछ भी नहीं है। स्वामी राम जी अपने संकल्प के दम पर इस संस्थान को खड़ा किया है।

उन्होंने कहा कार्य को भी उसे पूरे मनोयोग और प्रसन्नचित होकर करें सफलता निश्चित ही मिलेगी।‘

— डॉ. विजय धस्माना, अध्यक्ष स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय, जौलीग्रांट