जनअदालत के दोषी, हरदा को भगवान की अदालत से भी राहत नहीं मिलेगी : बंशीधर भगत

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देहरादून 10 जून। भाजपा ने हरीश रावत को गोल्ज्यू मंदिर में न्याय की अर्जी लगाने के बजाय जनता के सामने पश्चाताप और अपराधिक स्वीकारोक्ति करने की सलाह दी है। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं वरिष्ठ विधायक श्री बंशीधर भगत ने तंज किया कि जनअदालत में कई बार दोषी साबित होने के बाद, अब उन्हें भगवान की अदालत से भी राहत नहीं मिलने वाली है। क्योंकि यही दाग वर्ग विशेष के बीच उन्हें अच्छे लगते हैं और वहां इस मुद्दे पर उन्हें सांप सूंघ जाता है।

 

विभिन्न माध्यमों पर पूछे मीडिया के सवालों का ज़बाब देते हुए उन्होंने, पूर्व सीएम हरीश रावत के मुस्लिम यूनिवर्सिटी और नमाज की छुट्टी के मुद्दे पर मंदिर में अर्जी लगाने को उनकी राजनैतिक हताशा बताया। कहा, जिस प्रकार हरदा इन दोनों प्रकरणों पर जनता के बीच स्वयं को दोष मुक्त साबित करने की बार बार कोशिश में लगे रहते हैं, वो इस बात का इशारा करता है कि उनकी दाल पूरी तरह काली है। क्योंकि आज के इस हाईटेक युग में प्रदेश की बुद्धिमान जनता को कोई भी गलत मुद्दों से बरगला नहीं सकता है। उन्होंने चुनाव जीतने के लिए तुष्टिकरण की नीति पर चलते हुए यह सब किया और कहा, तभी मीडिया और सोशल मीडिया में उनपर आरोपों की विश्वसनीयता बनी।

 

उन्होंने याद दिलाया कि दोनों मौकों पर वे और कांग्रेस जनता की अदालत में न्याय मिलने की बात करते रहे और जनता ने उन्हें दोनों बार 2017 और 2022 के चुनावों में दोषी करार देते हुए कड़ी सजा सुनाई। आज जब इस मुद्दे पर जनता या राजनीतिक क्षेत्र में कोई विशेष चर्चा नहीं है तो भी हरीश रावत का बार-बार खुद को पाक साफ बताने की कोशिश बताता है कि वे पश्चाताप तो करना चाहते हैं लेकिन सच स्वीकारने का साहस उनमें नहीं है। जबकि एक और कड़वा सच यह है कि वे पहाड़ में घूम घूम कर, दोनों तुष्टिकरण के मुद्दे पर अपने अपराध को नकारते हैं, लेकिन इन्हीं मुद्दों पर उन्हें हरिद्वार, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर सांप सूंघ जाता है। मुस्लिम बहुल इलाकों में जब वे जाते हैं तो यही दाग उन्हें अच्छे लगने लगते हैं और बाहर निकलकर झूठे दाग लगने का रोना रोते हैं। इसलिए जनता की अदालत में कई बार हारने के बाद, बेशक हरदा ने भगवान के दरबार में अर्जी लगाई है, लेकिन वहां भी उनका दोषमुक्त होना असंभव है।

 

 

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