सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि चारधाम ऑल वेदर रोड को लेकर गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक तालमेल के साथ होनी चाहिए ताकि अच्छे वातावरण में अच्छे परिणाम सामने आ सकें। उत्तराखंड में बन रही चारधाम ऑल वेदर रोड के निर्माण पर निगरानी को सुप्रीम कोर्ट ने एक एचपीसी का गठन किया है। एचपीसी का काम ऑल वेदर रोड के निर्माण के दौरान सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करना है।
एचपीसी में बीते कुछ माह से कोई सदस्य सचिव नहीं था। इस कारण इसकी बैठकें नहीं हो पा रही थीं। नए सदस्य सचिव के रूप में मंडलायुक्त रविनाथ रमन की तैनाती के बाद शनिवार को इसकी बैठक बुलाई गई। बैठक का पत्र जारी होते ही विवाद खड़ा हो गया।
दरअसल, एचपीसी के अध्यक्ष रवि चोपड़ा का तर्क है कि बैठक बुलाने का अधिकार उन्हें है। ऐसे में बिना उनकी सहमति के बुलाई गई बैठक वैध नहीं है। उन्होंने बैठक पर आपत्ति जताते हुए मुख्य सचिव ओमप्रकाश और सदस्य सचिव रविनाथ रमन को भी पत्र लिखा। उनके विरोध के बावजूद शनिवार को एचपीसी की बैठक हुई, जिसमें समिति के कार्यों के संबंध में चर्चा हुई। बैठक होने की सूचना पर समिति के अध्यक्ष ने इसे असंवैधानिक करार दिया।
मामला संवेदनशील
एचपीसी की बैठक को लेकर हुए विवाद पर सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि यह मामला संवेदनशील है। जिस विषय पर एचपीसी ने काम करना है, यानी ऑल वेदर रोड का काम भी महत्वपूर्ण है। इसके बेहतर तरीके से परिणाम सामने आना चाहिए। इसके लिए एचपीसी को तालमेल से काम करना चाहिए।