जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में शुरू हुए एक और एनकाउंटर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। सोमवार सुबह सुरक्षाबलों ने चार और आतंकवादियों को मार गिराया है। इस तरह पिछले 24 घंटे में शोपियां जिले में ही कुल नौ आतंकियों को ढेर किया गया है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा, दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले में पिंजौरा गांव में एनकाउंटर शुरू हो गया है। पुलिस और सुरक्षाबल आतंकियों को ढेर करने के अपने काम में लगे हुए हैं।
रविवार को हिजबुल मुजाहिद्दीन के शीर्ष कमांडर समेत पांच आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के बाद मारे गए थे। पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि विशेष सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर के रेबन इलाके में तलाशी अभियान के लिए घेराबंदी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि तलाशी के दौरान छुपे हुए आतंकवादियों ने खोजी दस्ते पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में आतंकवादी मुठभेड़ में मारे गए।
आतंकी समूहों में स्थानीय युवाओं की भर्ती में इस साल आई भारी कमी
कश्मीर स्थित 15वीं कोर का नेतृत्व कर रहे लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि आतंकी समूहों में स्थानीय युवाओं की भर्ती में इस साल भारी कमी आई है। उन्हें लगता है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का मूल उद्देश्य सनसनी पैदा करना है, जिसे झूठे अलगावावादी विमर्श और पाकिस्तान से प्रायोजित दुष्प्रचार से समर्थन मिलता है। लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने एक साक्षात्कार में कहा कि आतंकवाद की ये गतिविधियां अवाम के बीच ज्यादा समर्थन नहीं पा रही हैं, बिना तालमेल वाली हिंसक गतिविधियां आतंकियों की हताशा का संकेत हैं।
आतंकवादी समूहों में स्थानीय युवाओं की भर्ती वर्ष 2018 से 2019 में करीब आधी रह गई और 2020 में और कम हो गई। आतंकी कैडर अपना अस्तित्व बचाने की मुद्रा में आ गए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने इससे पहले कहा था कि वर्ष 2018 में 218 स्थानीय युवा आतंकी समूह में भर्ती हुए, जबकि वर्ष 2019 में 139 युवा भर्ती हुए।