पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल की बैठक में परिवहन विभाग की नई सेवा नियमावली समेत कई फैसलों पर मुहर लगाई गई है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को सुबह 11 बजे सचिवालय में शुरू हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी प्रेमचंद्र अग्रवाल, सौरभ बहुगुणा, चंदन राम दास, धन सिंह रावत भी मौजूद रहे।
कैबिनेट में लिए गए निर्णय
- जसपुर के 19 गांव काशीपुर तहसील में किए गए शिफ्ट
- परिवहन विभाग की नई सेवा नियमावली पास की गई
- केदारनाथ निर्माण में अब दो मंजिल इमारत बनाने की बनी सहमति
- बदरीनाथ-केदारनाथ में काम कर रही कंपनी को मैन पवार बढ़ाने की मंजूरी दी गई
- जायका प्रोजेक्ट में 526 करोड़ के लिए 70 नए पदों को स्वीकृति दी गई
- राजस्व विभाग में सात संग्रह अमीनों को तहसीलदार पद पर प्रमोट करने के आदेश दिए गए
- रियल स्टेट में सेल डीड एक स्टैंडर्ड फार्मेट को लागू करने के लिए एडॉप्ट करने पर सहमति
- मकान खरीदने वालों को नहीं होगी अब कोई दिक्कत। समय से घर न मिलने पर होगी कार्रवाई
- ज्यूडिशियल्स के सिविल जज जूनियर को डिविजन को जज बोला जायेगा
- सितारगंज चीनी मिल सुरक्षा धन राशि को 2 फीसदी करने पर सहमति
- 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई में स्वास्थ्य व स्वच्छता को शामिल किया जाएगा
- परिवहन निगम में 24 अभ्यर्थियों के चयन के लिए हुआ निर्णय। पहले आर्थिक हालत सही न होने के चलते नहीं हो सकी थी नियुक्ति
- कोविड काल के दौरान रखे गए 1662 कर्मचारियों को सशर्त 6 माह के लिए पुनर्नियुक्ति मिलेगी
अब दायित्व वितरण और मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी नजर
वहीं उत्तराखंड भाजपा की नई टीम घोषित होने के बाद अब विभिन्न निगमों, प्राधिकरणों व आयोगों में दायित्व वितरण पर पार्टी नेताओं की नजर टिक गई हैं। समझा जा रहा है कि दायित्व वितरण के पश्चात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल का विस्तार भी कर सकते हैं। इससे तीन विधायकों की मंत्री बनने की आस पूरी हो सकती है।
प्रदेश भाजपा की पिछली कार्यकारिणी में शामिल रहे 17 नेताओं को इस बार नई टीम में जगह नहीं मिली है। ऐसे में माना जा रहा कि इन नेताओं को प्रदेश सरकार में दायित्व दिए जा सकते हैं। वैसे भी दायित्व वितरण को लेकर पिछले कई दिनों से कसरत चल रही है, लेकिन प्रदेश भाजपा की नई टीम का गठन होने तक इसे टाल दिया गया था।
अब जबकि नई टीम गठित हो गई है तो जल्द ही दायित्व वितरण होने की संभावना है। चर्चा तो यह भी है कि दायित्व वितरण के लिए सूची पहले से ही तैयार है, जिसमें कुछ नए नाम जुडने हैं। ऐसे में दायित्व की आस लगाए गए बैठे पार्टी नेता अब मुख्यमंत्री की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।
उधर, धामी सरकार में तीन मंत्री पद भी रिक्त चल रहे हैं। दायित्व वितरण होने के बाद इन पदों को भी भरा जा सकता है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री के हाल के दिल्ली दौरे में इस सिलसिले में भाजपा के केंद्रीय नेताओं के साथ चर्चा हो चुकी है।
राजनीतिक गलियारों में कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल की चर्चा भी चल रही है, लेकिन इस बात की संभावना कम ही है। कारण यह कि सरकार को अभी पांच माह का ही समय हुआ है।