गुरुवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना चार दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंची। इस यात्रा के दौरान वह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और कारोबार एवं संपर्क को मजबूत करने के लिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता करेंगी। शुक्रवार को रेल एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-बांग्लादेश व्यापार फोरम की बैठक को संबोधित करते हुए दोनों देशों के बीच कारोबारी साझेदारी को और मजबूत बनाने पर जोर दिया। भारत-बांग्लादेश व्यापार फोरम की बैठक में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी उपस्थित थीं।
पीयूष गोयल ने कहा, भारत और बांग्लादेश एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी नहीं बल्कि सहयोगी हैं और एक दूसरे को समृद्ध बनाने के साथ ही अपने लोगों के बेहतर भविष्य के लिए मिल कर काम कर रहे हैं। भारत, बांग्लादेश के साथ रेलवे, वाणिज्य, कारोबार, पोत परिवहन, मतस्य पालन, दूरसंचार, औषधि, आटोमोबाइल सहित विविध क्षेत्रों में पहले से बेहतर सहयोग को और प्रगाढ़ बनाना चाहता है ।
गोयल ने भारतीय उद्योग प्रतिनिधियों से बांग्लादेश में अपार संभावनाओं वाले अवसंरचना,सूचना प्रौद्योगिकी और उूर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश के माध्यम से उसकी विकास यात्रा में सहभागी बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत रेलवे क्षेत्र में विस्तार के बांग्लादेश के हर अनुरोध को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि रेलवे संपर्क बढ़ने से दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही भारत का पूर्वी क्षेत्र अधिक सुगम बन जाएगा। गोयल ने कहा कि बांग्लादेश में भारतीय निवेशकों के लिए तीन विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाये गए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे बांग्लादेश के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा।
दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बांग्लादेश
स्टार्टअप बांग्लादेश तथा भारत की टेक महिन्द्रा और बांग्लादेश के विशेष आर्थिक क्षेत्र प्राधिकरण और अडानी पोत और सेज के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। गौरतलब है कि बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। पिछले एक दशक के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में खासी प्रगति हुयी है। वित्त वर्ष 2018-19 (अप्रैल-मार्च) की अवधि में भारत से बांग्लादेश को 9.21 अरब डॉलर का निर्यात हुआ जबकि आयात 1.22 अरब डॉलर का रहा।
पिछले आठ वर्षों के दौरान भारत ने बांग्लादेश को आठ अरब डॉलर की ऋण सुविधा प्रदान की है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार की ओर से बांग्लादेश को अवसंरचना परियोजनाओं जैसे अगरतला,-अखौरा रेल सम्पर्क, नदियों से गाद निकालने, भारत-बांग्लादेश पाइपलाइन और शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, संस्कृति, शहरी विकास, आपदा प्रबंधन और सामुदायिक विकास जैसी व्यापक प्रभाव रखने वाली विकास योजनाओं के लिए भी आर्थिक मदद दी जा रही है।