देहरादून,1 मई 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देशों के बाद हरिद्वार नगर निगम में सराय स्थित भूमि को खरीदने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है।
इस प्रकरण में अनियमितता पाए जाने पर नगर निगम के चार अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है,
जबकि एक कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं
और एक अन्य अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
विस्तृत कार्रवाई और जांच प्रक्रिया:
हरिद्वार नगर निगम के नगर आयुक्त द्वारा सौंपी गई प्रारंभिक रिपोर्ट में गंभीर अनियमितताएं सामने आने के बाद,
इस पूरे मामले की विस्तृत जांच के लिए रणवीर सिंह चौहान, सचिव, गन्ना चीनी, उत्तराखण्ड शासन को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
जांच में यह पाया गया कि सराय स्थित भूमि को खरीदने के लिए गठित समिति के सदस्यों ने अपने दायित्वों का सही ढंग से पालन नहीं किया।
जांच में दोषी पाए गए निम्नलिखित अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया है:
1 रवीन्द्र कुमार दयाल, अधिशासी अधिकारी श्रेणी-2 (प्रभारी सहायक नगर आयुक्त), नगर निगम, हरिद्वार।
2 आनन्द सिंह मिश्रवाण, सहायक अभियन्ता (प्रभारी अधिशासी अभियन्ता), नगर निगम, हरिद्वार।
3 लक्ष्मीकांत भट्ट, कर एवं राजस्व अधीक्षक, नगर निगम, हरिद्वार।
4 दिनेश चन्द्र काण्डपाल, अवर अभियन्ता, नगर निगम, हरिद्वार।
इसके अतिरिक्त, इस प्रकरण में सेवा विस्तार पर कार्यरत सेवानिवृत्त संपत्ति लिपिक वेदपाल की संलिप्तता भी पाई गई है।
परिणामस्वरूप, उनका सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
वहीं, निकिता बिष्ट, वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम, हरिद्वार से इस मामले में स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया है
कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम नगर निगम के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।