उत्तर प्रदेश सरकार के छह करोड़ गरीबों को केंद्र की आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रदान करेगी। इस योजना के तहत सरकार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को पांच लाख रुपये स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराएगी। इसके जरिये गरीब सरकारी व निजी दोनों तरह के अस्पतालों में अपना इलाज कैशलेस करा सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने इस महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दे दी।
मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 18 प्रस्ताव पास किये गए। इनमें सबसे प्रमुख प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग का आयुष्मान भारत योजना का था। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि यूपी में आयुष्मान भारत योजना लागू करने का प्रस्ताव पास हो गया है। इस योजना में 60 फीसद पैसा केंद्र सरकार देगी, जबकि 40 प्रतिशत पैसा प्रदेश सरकार देना होगा।
इसके तहत स्टेट एजेंसी फॉर कंप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस (साची) को नोडल एजेंसी बनाया गया है। बीमा कंपनियों से जो एमओयू होने हैं उसे यह एजेंसी ही देखेगी। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ प्रदेश के 1.18 करोड़ परिवारों को मिलेगा। प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। प्रदेश में सरकारी अस्पतालों के साथ ही ऐसे निजी अस्पतालों की सूची बनाने के निर्देश दिये गए हैं जहां गरीब परिवार आयुष्मान भारत योजना के तहत अपना मुफ्त इलाज करा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि यह योजना पूरे देश में एक साथ प्रधानमंत्री मोदी शुरू करेंगे। इसे अब मोदी केयर के नाम से भी जाना जा रहा है। प्रदेश सरकार इस योजना के तहत आयुष्मान मित्र की भी तैनाती करेगी। यह बीमा कंपनियों व लाभार्थियों के बीच सेतु का काम करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में कितने आयुष्मान मित्र की जरूरत है अभी इसका आकलन नहीं हुआ है, लेकिन यह आयुष्मान मित्र बहुत महत्वपूर्ण कड़ी होंगे।
बेसिक स्कूलों में आंगनबाड़ी का मिडडे मील
बेसिक स्कूलों में ही अब आंगनबाड़ी केंद्रों का भी मिडडे मील पकाया जाएगा। योगी कैबिनेट ने आंगनबाड़ी केंद्रों में पिछले काफी समय से बंद चल रही हॉट एंड कुक्ड फूड योजना शुरू करने का फैसला किया है। इस बार इसे स्कूलों में वितरित होने वाले मिड-डे-मील के साथ जोड़ दिया गया है। फिलहाल छह महीने तक ट्रॉयल के लिए इसे मंजूरी दी गई है। योजना सफल होने पर इसे नियमित कर दिया जाएगा।
दरअसल, आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले तीन वर्ष से लेकर छह वर्ष तक के बच्चों को मॉर्निंग स्नैक्स के साथ हॉट एंड कुक्ड फूड दिया जाता था। सपा सरकार के समय यह योजना एनजीओ को सौंप दी गई थी, लेकिन कई जिलों में इसमें जबरदस्त घपला हो गया था। बच्चों को बगैर खाना खिलाये ही लाखों रुपये के बिल भुगतान के लग गए थे। जांच में पूरा मामला खुलने के बाद यह योजना बंद कर दी गई।