अमन चैन कायम रखना सरकार की प्राथमिकता, उपद्रवियों के कृत्य पर विपक्ष खामोश: चौहान

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लापरवाही या रणनीतिक कमी पर अभी सवाल गलत, मजिस्ट्रेटी जांच तक इंतजार करे विपक्ष

अतिक्रमण हटाने के नोटिस को लेकर भ्रम फैला रहा है इंडी गठबंधन

भाजपा ने हल्द्वानी प्रकरण को लेकर विपक्ष के रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमन चैन कायम रखना और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाना सरकार की प्राथमिकता हैं । जांच से पहले ही प्रशासन पर दोष मढ़ने वाले पुलिस एवं प्रशासन की टीम और मीडिया पर जानलेवा हमला करने वालों को लेकर खामोश है।

 

प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि जिस तरह अतिक्रमण करने वाले अपराधिक तत्वों ने देवभूमि की शांति को भंग करने का प्रयास किया है यह कृत्य पूर्ण रूप से निंदनीय है । जांच एजेंसी उन्हे चिंहित कर कानून के दायरे मे लायेगी।

उन्होंने इंडी गठबंधन और कांग्रेस नेताओं द्वारा स्थानीय अधिकारियों पर कार्यवाही एवं सिटिंग जज से जांच की मांग की टाइमिंग पर सवाल उठाए । उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार की प्राथमिकता ऐसी परिस्थिति में शांति बनाए रखने की होती है जिसको लेकर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन पूरी मुस्तैदी से जुटा है। उसके बाद दोषियों पर कार्यवाही के लिए पुलिस और जांच एजेंसी मुस्तैदी से जुटी है और एक एक आरोपी के ख़िलाफ़ कानून के विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी जिससे भविष्य इस तरह के कृत्य को करने में सोचेगा भी नहीं ।

अब जांच एजेंसियों ने आरोपी चिंहित करने भी शुरू कर दिये है। परिणाम सामने आ रहे हैं और मास्टर माइंड समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है । स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्यवाही और जांच का जहाँ तक सवाल है तो इसके लिए घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिये गए है। अगर, जांच में जो भी लापरवाही या रणनीतिक कमी पाई जाएगी तो उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी ।

उन्होंने आरोप लगाया कि इंडी गठबंधन अतिक्रमण हटाने का नोटिस को लेकर भ्रम फैला रहा है। नोटिस जारी किया गया था और हाईकोर्ट पहले ही अतिक्रमण हटाने के अपने निर्णय पर कायम है ।

 

श्री चौहान ने विपक्ष की मांग एवं उसके पीछे की मंशा पर सवाल खड़ा किया कि वे पुलिस प्रशासन पर कार्यवाही और जांच की बात तो कर रहे हैं लेकिन, जिन कब्जेधारियों ने अराजक तत्वों की मदद से इतनी बड़ी दुखद घटना को अंजाम दिया, उन पर एक शब्द नही बोल रहे हैं । जो प्रशासनिक लापरवाही की बात कर रहे हैं उन्होंने एक बार भी नही कहा कि कानून अपने हाथ में लेकर पुलिस प्रशासन को घेरकर पेट्रोल बम, फायरिंग और पत्थरबाजी से उनपर जानलेवा हमला और आगजनी की घटना निंदनीय है। यहै दुखद है कि महिला पुलिसकर्मियों से मारपीट की गई, और तो और लोकतांत्र के चौथे स्तंभ, पत्रकारों पर भी प्राणघातक हमले किए गए । लेकिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी विपक्षी नेता हमलावरों की इस कुकृत्य के लिए आलोचना करना तो दूर, जानलेवा हमला करने वालों के विरोध में खड़े होने का साहस नहीं जुटा पा रहा है ।

 

भाजपा इस घटना के सभी पीड़ित पक्षों के साथ खड़ी है और दोषियों पर कठोरतम कार्यवाही की पक्षधर हैं । कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों के साथ सख्ती से पेश आना जरूरी है ताकि भविष्य में देवभूमि की शांति को भंग करने की कोई कोशिश न करे ।

 

 

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